अनुभूत प्रयोग नवग्रह शांति हेतु (उपयोगी तेल )
सूर्य तेल :=सूरजमुखी और तिल का तेल आधा-
आधा लीटर लेकर उसमे पांच ग्राम लौंग का तेल और
दस ग्राम केसर मिलाये और सात दिनों तक एक कांच के बोतल में
सूर्य कि रौशनी में रखे
सात दिनों बाद इस तेल को स्नान के बाद सर पे लगाये ....सूर्य
का अनिष्ट प्रभाव दूर होगा
चन्द्र तेल :=सफ़ेद तिल का एक लीटर तेल ले उसमे
सौ ग्राम चन्दन का तेल एवं पचास ग्राम कपूर डालकर एक कांच
के बोतल में भरकर सात दिनों तक चन्द्रमा कि रौशनी में
रखे
सात दिनों बाद नित्य स्नान पूर्व सारे शरीर पर इस तेल
कि मालिश करे ..स्नान बाद यही तेल बालो में
भी लगाये ..चन्द्र का अनिष्ट प्रभाव दूर होगा
मंगल तेल :=सफ़ेद तिल का तेल आधा लीटर और
पिली सरसो का तेल आधा लीटर लेकर
दोनों को मिला ले फिर इसमें सौ ग्राम लौंग का तेल मिला ले इसे
भी कांच कि बोतल में भरकर किसी कुऐ के
पास दो या तीन गढ़हा खोदकर उसमे यह तेल
कि बोतल तीन महीने के लिए गाढ़
दे ...तीन महीने बाद इस तेल को स्नान
के पूर्व शारीर पर मालिश करे ..स्नान के बाद इस तेल
को बालो में भी लगाये
बुध तेल :=एक लीटर तिल का तेल लेकर उसमे
ब्राह्मी एवं खस खस डालकर इस तेल को उबाले
ठंडा कर इस तेल को छान ले और पांच ग्राम लौंग का तेल इसमें
मिला ले ..और हरे रंग कि कांच कि बोतल में भरकर जहा प्रकाश
ना हो ऐसे जगह पर सात दिनों तक रखे ...और सात दिनों बाद
स्नान पूर्व इस तेल कि मालिश करे ..स्नान बाद
यही तेल बालो में भी लगाये ...इस तेल
से बुध का अनिष्ट प्रभाव दूर होगा
बृहस्पति तेल :=एक लीटर नारियल का तेल ले इसमें
पांच ग्राम हल्दी और पांच ग्राम खस खस डालकर
उबाल ले ठंडा कर इस तेल को छान ले फिर इसमें दस ग्राम चन्दन
का तेल मिलाये स्नान पूर्व इस तेल कि मालिश करे ...इस तेल के
प्रयोग से बृहस्पतिं का अनिष्ट प्रभाव दूर होगा
शुक्र तेल := आधा लीटर नारियल का तेल पांच ग्राम
चन्दन का तेल दो ग्राम चमेली का तेल इन
सभी तेल को मिश्रित कर एक सफ़ेद कांच कि बोतल में
भर ले तीन दिन धुप में रखे और इससे स्नान पूर्व
मालिश करे ..शुक्र का अनिष्ट प्रभाव दूर होगा
शनि तेल :=एल लीटर तिल के तेल ले
भृंगराज ,जायफल एवं कस्तूरी पांच -पांच ग्राम लेकर
इसे पानी में भिगोकर पीस ले और तिल के
तेल में मिलकर इससे अच्छी तरह उबाले ठंडा कर
इसे छान ले फिर इसमें पांच ग्राम लौंग का तेल मिलकर सात दिनों के
लिए अँधेरी जगह पर रखे और स्नान पूर्व इस तेल
कि मालिश करे ..शनि का अनिष्ट प्रभाव दूर होगा
राहु तेल := एक लीटर तिल का तेल ले |
भृंगराज ,जायफल ,कस्तूरी सभी पांच -
पांच ग्राम लेकर इसे पानी में भिगो दे और कूट ले और
तिल के तेल में मिलकर उबाले ..ठण्डा कर इससे छान ले और
इसमें पांच ग्राम लौंग का तेल मिला ले नीले रंग के कांच
कि बोतल में भरकर सात दिनों के लिए मकान के पश्चिम भाग में उचाई
वाले स्थान पर रख दे और सात दिनों बाद स्नान पूर्व इस तेल
कि मालिश करे ..राहु के सभी अनिष्ट शांत होंगे
केतु तेल :=एक लीटर तिल या सरसो का तेल ले इस
तेल में लोध्र मिलकर उबाले ..फिर तेल को ठंडा कर पांच ग्राम लौंग
का तेल मिलाये ..और सात दिनों के लिए काले रंग कि कांच कि बोतल में
भरकर मकान के पश्चिम दिशा में रखे..और सन्न पूर्व इस तेल
कि मालिश करे |
सूर्य तेल :=सूरजमुखी और तिल का तेल आधा-
आधा लीटर लेकर उसमे पांच ग्राम लौंग का तेल और
दस ग्राम केसर मिलाये और सात दिनों तक एक कांच के बोतल में
सूर्य कि रौशनी में रखे
सात दिनों बाद इस तेल को स्नान के बाद सर पे लगाये ....सूर्य
का अनिष्ट प्रभाव दूर होगा
चन्द्र तेल :=सफ़ेद तिल का एक लीटर तेल ले उसमे
सौ ग्राम चन्दन का तेल एवं पचास ग्राम कपूर डालकर एक कांच
के बोतल में भरकर सात दिनों तक चन्द्रमा कि रौशनी में
रखे
सात दिनों बाद नित्य स्नान पूर्व सारे शरीर पर इस तेल
कि मालिश करे ..स्नान बाद यही तेल बालो में
भी लगाये ..चन्द्र का अनिष्ट प्रभाव दूर होगा
मंगल तेल :=सफ़ेद तिल का तेल आधा लीटर और
पिली सरसो का तेल आधा लीटर लेकर
दोनों को मिला ले फिर इसमें सौ ग्राम लौंग का तेल मिला ले इसे
भी कांच कि बोतल में भरकर किसी कुऐ के
पास दो या तीन गढ़हा खोदकर उसमे यह तेल
कि बोतल तीन महीने के लिए गाढ़
दे ...तीन महीने बाद इस तेल को स्नान
के पूर्व शारीर पर मालिश करे ..स्नान के बाद इस तेल
को बालो में भी लगाये
बुध तेल :=एक लीटर तिल का तेल लेकर उसमे
ब्राह्मी एवं खस खस डालकर इस तेल को उबाले
ठंडा कर इस तेल को छान ले और पांच ग्राम लौंग का तेल इसमें
मिला ले ..और हरे रंग कि कांच कि बोतल में भरकर जहा प्रकाश
ना हो ऐसे जगह पर सात दिनों तक रखे ...और सात दिनों बाद
स्नान पूर्व इस तेल कि मालिश करे ..स्नान बाद
यही तेल बालो में भी लगाये ...इस तेल
से बुध का अनिष्ट प्रभाव दूर होगा
बृहस्पति तेल :=एक लीटर नारियल का तेल ले इसमें
पांच ग्राम हल्दी और पांच ग्राम खस खस डालकर
उबाल ले ठंडा कर इस तेल को छान ले फिर इसमें दस ग्राम चन्दन
का तेल मिलाये स्नान पूर्व इस तेल कि मालिश करे ...इस तेल के
प्रयोग से बृहस्पतिं का अनिष्ट प्रभाव दूर होगा
शुक्र तेल := आधा लीटर नारियल का तेल पांच ग्राम
चन्दन का तेल दो ग्राम चमेली का तेल इन
सभी तेल को मिश्रित कर एक सफ़ेद कांच कि बोतल में
भर ले तीन दिन धुप में रखे और इससे स्नान पूर्व
मालिश करे ..शुक्र का अनिष्ट प्रभाव दूर होगा
शनि तेल :=एल लीटर तिल के तेल ले
भृंगराज ,जायफल एवं कस्तूरी पांच -पांच ग्राम लेकर
इसे पानी में भिगोकर पीस ले और तिल के
तेल में मिलकर इससे अच्छी तरह उबाले ठंडा कर
इसे छान ले फिर इसमें पांच ग्राम लौंग का तेल मिलकर सात दिनों के
लिए अँधेरी जगह पर रखे और स्नान पूर्व इस तेल
कि मालिश करे ..शनि का अनिष्ट प्रभाव दूर होगा
राहु तेल := एक लीटर तिल का तेल ले |
भृंगराज ,जायफल ,कस्तूरी सभी पांच -
पांच ग्राम लेकर इसे पानी में भिगो दे और कूट ले और
तिल के तेल में मिलकर उबाले ..ठण्डा कर इससे छान ले और
इसमें पांच ग्राम लौंग का तेल मिला ले नीले रंग के कांच
कि बोतल में भरकर सात दिनों के लिए मकान के पश्चिम भाग में उचाई
वाले स्थान पर रख दे और सात दिनों बाद स्नान पूर्व इस तेल
कि मालिश करे ..राहु के सभी अनिष्ट शांत होंगे
केतु तेल :=एक लीटर तिल या सरसो का तेल ले इस
तेल में लोध्र मिलकर उबाले ..फिर तेल को ठंडा कर पांच ग्राम लौंग
का तेल मिलाये ..और सात दिनों के लिए काले रंग कि कांच कि बोतल में
भरकर मकान के पश्चिम दिशा में रखे..और सन्न पूर्व इस तेल
कि मालिश करे |
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