ज्योतिष सिर्फ किताबो में पढ़िए नहीं---वास्तविक
जीवन में महसूस
भी कीजिये तब बनेगे आप ज्योतिष।
जैसे--
सूर्य को समझना है तो किताबो में जो लिखा है उसे पढ़ने बाद
पिता को,शासक को,सरकार को ,शासन को भी समझे।
चन्द्र को समझना है
तो माता को समझे,पानी के,नदी के चरित्र
को समझे।
मंगल समझना है तो किताबो को पढ़ने , मिटटी के
चरित्र समझे ,पुलिस को फौजी के चरित्र समझे।
बुध को समझना है तो किताबे पढ़ने के बाद ,बालक चरित्र
समझे ,खिलोनो को समझे ,हास्य रस
समझे ,बुआ,मौसी को समझे।
बृहस्पति को समझना है तो किताबी ज्ञान प्राप्त
करने के बाद ,गुरु को समझे ,वृद्ध चरित्र समझे।
शुक्र को समझना है तो किताब पढ़ने
बाद ,नारी को समझे,प्राकृतिक सौंदर्य को समझे।
शनि को समझना है तो शाश्त्र रटने के
बाद ,गरीबो के ,भिखारी के,गन्दगी के,वृद्ध
चरित्र को समझे,मजदूर को समझे
जीवन में महसूस
भी कीजिये तब बनेगे आप ज्योतिष।
जैसे--
सूर्य को समझना है तो किताबो में जो लिखा है उसे पढ़ने बाद
पिता को,शासक को,सरकार को ,शासन को भी समझे।
चन्द्र को समझना है
तो माता को समझे,पानी के,नदी के चरित्र
को समझे।
मंगल समझना है तो किताबो को पढ़ने , मिटटी के
चरित्र समझे ,पुलिस को फौजी के चरित्र समझे।
बुध को समझना है तो किताबे पढ़ने के बाद ,बालक चरित्र
समझे ,खिलोनो को समझे ,हास्य रस
समझे ,बुआ,मौसी को समझे।
बृहस्पति को समझना है तो किताबी ज्ञान प्राप्त
करने के बाद ,गुरु को समझे ,वृद्ध चरित्र समझे।
शुक्र को समझना है तो किताब पढ़ने
बाद ,नारी को समझे,प्राकृतिक सौंदर्य को समझे।
शनि को समझना है तो शाश्त्र रटने के
बाद ,गरीबो के ,भिखारी के,गन्दगी के,वृद्ध
चरित्र को समझे,मजदूर को समझे
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