ग्रह और उनके उपाय
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सूर्य के उपाय--- घर के पिता और पुत्र का सम्मान अपने अपने
स्थान पर रखना चाहिये तथा समय समय पर मिलने वाले
कनफ़्यूजन को दूर करते रहना चाहिये,
चन्द्रमा के उपाय----के लिये घर के बुजुर्ग
स्त्री सदस्यों का सम्मान करते रहना चाहिये और
उनके आशीर्वाद को लेते रहना चाहिये
बडी बहिन भी चन्द्रमा के अधिकार मे
आजाती है लेकिन
उसकी शादी के बाद केवल मर्यादा तक
जी सीमित रहना चाहिये
अन्यथा या तो बडी बहिन का जीवन
चौपट हो जायेगा या खुद को कोई आगे बढने
का रास्ता नही मिल पायेगा
बुध के उपाय---- बहिन /बुआ/ बेटी का सम्मान
करना और उनके लिये
जो भी सहायता मिलती है देते
रहना चाहिये बहिन /बुआ/ बेटी से
आजीवन का एक सम्पर्क का रास्ता मिलता है जैसे
वह अनजाने लोगो के बीच मे शादी के
बाद मे जाती है और- उन अन्जाने लोगो से सम्पर्क
का बनना एक प्रकार से बडे कमन्यूकेशन के रूप मे माना जाता है
अगर अपनी तरफ़ से मान सम्मान तथा सम्पर्क
को कायम रखा जाता है किसी भी मिलने
वाली बुराई या भलाई मे मिल बैठ कर और आदर
सम्मान से उस कारण को समझ लिया जाता है तो जो सम्पर्क
बना है उससे भी और सम्पर्क
को भी दुख मे सुख मे साथ लिया जा सकता है,साथ
ही बहिन/ बुआ/ बेटी का सम्मान
भी सुरक्षित रहेगा और अहम के कारण या एक
दूसरे की प्रतिस्पर्धा के कारण उन्हे कष्ट
भी नही होगा पारिवारिक
जीवन
भी सही चलता रहेगा।
गुरु के उपाय--सबसे अच्छा तरीका है
किसी भी सम्बन्ध के
प्रति आत्मीय लगाव होना चाहिये
इसी बात को उच्च का गुरु यानी कर्क
राशि का गुरु माना जाता है क्योंकि कर्क
राशि चन्द्रमा की राशि है और इस राशि मे गुरु
का आस्तित्व उच्च का हो जाता है/ यह इसलिये होता है
कि सम्बन्ध को मानसिक रूप से इज्जत के रूप से देखा जाता है
लेकिन जो लोग सम्बन्ध को केवल स्वार्थ हित तक
ही सीमित रखते है वह व्यवहार के
रूप मे आजाता है और वह अपने सम्बन्ध
को आजीवन कायम नही रख पाते है।
इसका परिणाम यह होता है कि जैसे ही काम
निकला वे दूर हो जाते है और अपने या उनके आगे के कामो मे
बाधा भी आजाती है साथ
ही एक दूसरे के प्रति लोकरीति और
आक्षेप विक्षेप भी मिलने लगते है।
शुक्र के उपाय ----- जितना हो सके
पति पत्नी को और पत्नी पति को अगर
भौतिकता से दूर रखकर अपने को केवल इसी भावना मे
लेकर चलते है कि उन्हे हाथ से हाथ मिलाकर
जीवन की तरक्की मे आगे
जाना है या जो भी काम करना है वह
दोनो की रजामन्दी से
ही होना है तो शुक्र अपने असर
को देता रहेगा जैसे ही शुक्र के अन्दर कानून
का भाव पैदा हो जाता है शुक्र खराब हो जाता है यह बात उन
लोगो से सीखनी चाहिये जो अपने
सम्बन्ध महिलाओ से केवल कामेक्षा की पूर्ति के
लिये रखते है या जो लोग विवादित जमीन जायदाद
को खरीदने या बेचने मे सम्बन्धित होते है उनके
लिये खुद का जीवन भी बरबाद
होना माना जाता है साथ ही जिससे वह सम्बन्ध
स्थापित करते है उनका जीवन
भी बरबाद होना माना जाता है,
शनि के उपाय---- बेलेन्स करना है -जो समय के साथ कार्य
की योजना और महत्व को समझते है जो लोग
बुजुर्गो से समय पर राय लेना जानते है और जो लोग अपने लिये
हमेशा के लिये चलने वाले कार्य को पकडने की सोचते
है भले ही वह कम फ़ायदा देने वाला हो लेकिन
लगातार पकड कर चलने और आने वाली कमाई
को निश्चित तरीके से समझने के लिये उनके अन्दर
बुद्धि है तो वे आगे बढ जाते है,इसी बात
को कहावत के रूप मे भी कहा जाता है कि पांच
कमाओ लेकिन रोज कमाओ दाल रोटी खाओ लेकिन रोज
खाओ,
राहु केतु के उपाय--- के लिये
भी यही मान्यता होती है
अक्सर राहु के आने से
किसी भी ग्रह के साथ सामजस्य
नही बन पाता है कनफ़्यूजन पैदा हो जाते है और
उन कनफ़्यूजन को अगर मंगल
की तकनीक से निकाल दिया जाता है
या अचानक मिलने वाले मुशीबत के
कारणो को तकनीकी रूप से प्रयोग मे
लाया जाता है तो कनफ़्यूजन भी फ़ायदा देने वाला बन
जायेगा/ लेकिन उसी कनफ़्यूजन मे रहकर और
अधिक कनफ़्यूजन को बढा दिया जायेगा/
तो वही कनफ़्यूजन आगे के सभी रास्ते
भी बन्द कर देगा और कोई
भी दुर्घटना देने के लिये माना जायेगा।
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सूर्य के उपाय--- घर के पिता और पुत्र का सम्मान अपने अपने
स्थान पर रखना चाहिये तथा समय समय पर मिलने वाले
कनफ़्यूजन को दूर करते रहना चाहिये,
चन्द्रमा के उपाय----के लिये घर के बुजुर्ग
स्त्री सदस्यों का सम्मान करते रहना चाहिये और
उनके आशीर्वाद को लेते रहना चाहिये
बडी बहिन भी चन्द्रमा के अधिकार मे
आजाती है लेकिन
उसकी शादी के बाद केवल मर्यादा तक
जी सीमित रहना चाहिये
अन्यथा या तो बडी बहिन का जीवन
चौपट हो जायेगा या खुद को कोई आगे बढने
का रास्ता नही मिल पायेगा
बुध के उपाय---- बहिन /बुआ/ बेटी का सम्मान
करना और उनके लिये
जो भी सहायता मिलती है देते
रहना चाहिये बहिन /बुआ/ बेटी से
आजीवन का एक सम्पर्क का रास्ता मिलता है जैसे
वह अनजाने लोगो के बीच मे शादी के
बाद मे जाती है और- उन अन्जाने लोगो से सम्पर्क
का बनना एक प्रकार से बडे कमन्यूकेशन के रूप मे माना जाता है
अगर अपनी तरफ़ से मान सम्मान तथा सम्पर्क
को कायम रखा जाता है किसी भी मिलने
वाली बुराई या भलाई मे मिल बैठ कर और आदर
सम्मान से उस कारण को समझ लिया जाता है तो जो सम्पर्क
बना है उससे भी और सम्पर्क
को भी दुख मे सुख मे साथ लिया जा सकता है,साथ
ही बहिन/ बुआ/ बेटी का सम्मान
भी सुरक्षित रहेगा और अहम के कारण या एक
दूसरे की प्रतिस्पर्धा के कारण उन्हे कष्ट
भी नही होगा पारिवारिक
जीवन
भी सही चलता रहेगा।
गुरु के उपाय--सबसे अच्छा तरीका है
किसी भी सम्बन्ध के
प्रति आत्मीय लगाव होना चाहिये
इसी बात को उच्च का गुरु यानी कर्क
राशि का गुरु माना जाता है क्योंकि कर्क
राशि चन्द्रमा की राशि है और इस राशि मे गुरु
का आस्तित्व उच्च का हो जाता है/ यह इसलिये होता है
कि सम्बन्ध को मानसिक रूप से इज्जत के रूप से देखा जाता है
लेकिन जो लोग सम्बन्ध को केवल स्वार्थ हित तक
ही सीमित रखते है वह व्यवहार के
रूप मे आजाता है और वह अपने सम्बन्ध
को आजीवन कायम नही रख पाते है।
इसका परिणाम यह होता है कि जैसे ही काम
निकला वे दूर हो जाते है और अपने या उनके आगे के कामो मे
बाधा भी आजाती है साथ
ही एक दूसरे के प्रति लोकरीति और
आक्षेप विक्षेप भी मिलने लगते है।
शुक्र के उपाय ----- जितना हो सके
पति पत्नी को और पत्नी पति को अगर
भौतिकता से दूर रखकर अपने को केवल इसी भावना मे
लेकर चलते है कि उन्हे हाथ से हाथ मिलाकर
जीवन की तरक्की मे आगे
जाना है या जो भी काम करना है वह
दोनो की रजामन्दी से
ही होना है तो शुक्र अपने असर
को देता रहेगा जैसे ही शुक्र के अन्दर कानून
का भाव पैदा हो जाता है शुक्र खराब हो जाता है यह बात उन
लोगो से सीखनी चाहिये जो अपने
सम्बन्ध महिलाओ से केवल कामेक्षा की पूर्ति के
लिये रखते है या जो लोग विवादित जमीन जायदाद
को खरीदने या बेचने मे सम्बन्धित होते है उनके
लिये खुद का जीवन भी बरबाद
होना माना जाता है साथ ही जिससे वह सम्बन्ध
स्थापित करते है उनका जीवन
भी बरबाद होना माना जाता है,
शनि के उपाय---- बेलेन्स करना है -जो समय के साथ कार्य
की योजना और महत्व को समझते है जो लोग
बुजुर्गो से समय पर राय लेना जानते है और जो लोग अपने लिये
हमेशा के लिये चलने वाले कार्य को पकडने की सोचते
है भले ही वह कम फ़ायदा देने वाला हो लेकिन
लगातार पकड कर चलने और आने वाली कमाई
को निश्चित तरीके से समझने के लिये उनके अन्दर
बुद्धि है तो वे आगे बढ जाते है,इसी बात
को कहावत के रूप मे भी कहा जाता है कि पांच
कमाओ लेकिन रोज कमाओ दाल रोटी खाओ लेकिन रोज
खाओ,
राहु केतु के उपाय--- के लिये
भी यही मान्यता होती है
अक्सर राहु के आने से
किसी भी ग्रह के साथ सामजस्य
नही बन पाता है कनफ़्यूजन पैदा हो जाते है और
उन कनफ़्यूजन को अगर मंगल
की तकनीक से निकाल दिया जाता है
या अचानक मिलने वाले मुशीबत के
कारणो को तकनीकी रूप से प्रयोग मे
लाया जाता है तो कनफ़्यूजन भी फ़ायदा देने वाला बन
जायेगा/ लेकिन उसी कनफ़्यूजन मे रहकर और
अधिक कनफ़्यूजन को बढा दिया जायेगा/
तो वही कनफ़्यूजन आगे के सभी रास्ते
भी बन्द कर देगा और कोई
भी दुर्घटना देने के लिये माना जायेगा।
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