Sunday, July 27, 2014

जन्मकुंडली के भाव और रिश्तेदार

जन्मकुंडली के भाव और रिश्तेदार.....
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यदि आपका अपनी माँ से बहुत अच्छा संबंध हैं
आप अपनी हर बात अपनी माँ से कह
लेते हैं
-तो यह इस बात का प्रमाण हैं की आपका चौथा भाव
बहुत अच्छा हैं |
इसके विपरीत यदि आपके अपने ससुराल वालो से
संबंध अच्छे नहीं हैं तो आपका आठवाँ घर
-पीड़ित अवस्था मे होगा |
प्रथम भाव-यदि यह भाव पीड़ित हैं(स्वास्थ्य
खराब रहता हैं )तो इसकासीधा सा अर्थ हैं
की जातक स्वयम
का मित्र नहीं हैं |
जानबूझकरगलतिया करता रहता हैं स्वयम
कीदेखभाल ठीक से
नहीं करता हैं |
उपाय-जातक खुद का दोस्त बन यहआत्म निरीक्षण
करे की उसकी कौन
सी आदते उसे आगे बढने से रोकती हैं
| उसके शरीर को
नुकसान पहुचाहती हैं उन्हे जान कर सुधार करे |
दूसरा भाव-इस भाव के पीड़ित होने से परिवार व कुटुंब
मे विवाद बने रहते हैं बात बात पर
क्लेशतथा झगडा होता रहता है |
उपाय- नित्य अपनी आँख को शीतल
जल से धोये तथा अपना अहंकार त्याग कर पूरे परिवार
सेविनम्रता पूर्वक व्यवहार करे छोटों से प्यार,साथ वालो से
मित्रता तथा बड़ो का सम्मान करे |
तीसरा भाव-इस भाव के पीड़ित होने से
भाई बहनों का सूख नहीं मिलता या भाई
बहनों की स्थितिठीक
नहीं होती हैं उनका स्वस्थ
भी खराब रहता हैं |
उपाय-अपने से कम उम्र के लोगो को भाई /बहन मान उनसे
राखी बँधवाए या बांधे |
चतुर्थ भाव-इस भाव के खराब होने से माता का सुख
नहीं मिलता हैं
माँ की तबीयत
हमेशा खराबरहती हैं ससुर से संबंध
ठीक नहीं होते तथा मन मे
हमेशा अशांति बनी रहती हैं |
उपाय-अपनी माता का सम्मान करे
उनकी सुख सुविधाओ का ध्यान रख सेवा करे |
यदि माँ बीमाररहती हो तो 7 वृद्ध
स्त्रियो के लगातार 41 दिन चरण स्पर्श करे और विधवा आश्रम
मे दान करे |
पांचवा भाव-इस भाव के पीड़ित होने प्रेम संबंधो मे
असफलता,शिक्षा-बाधा व संतान सुख मे
कमीजैसी समस्याए
होती हैं |
उपाय-इन सबके के लिए 7 गुरुवार गरीब
बच्चो को गुब्बारे खेलने को दे तथा प्रत्येक वर्ष 10 वर्षसे कम
उम्र के बच्चो को कपड़ा दान करे |
छठा भाव –इस भाव के पीड़ित होने से मामा का सुख
नहीं मिलता,रोग,ऋण व शत्रु
आपका पीछानहीं छोड़ते |
उपाय-मामा से संबंध मधुर बनाए तथा पूर्व
दिशा की और सिरहाना करके सोये,गुस्सा ना करे |
सातवा भाव –इस भाव के पीड़ित होने से विवाह विलंब
व वैवाहिक जीवन कष्टमय होता हैं
साझेदारीमे कोई ना कोई
परेशनीया लगी रहती हैं|
उपाय-अपनी स्त्री/पुरुष का सम्मान करे
एक दूसरे की भावनाओ का ख्याल/सम्मान करे |
आठवा भाव –इस भाव के पीड़ित होने ससुराल पक्ष
से तनाव बना रहता हैं | हर काम मे
अडचनहोती हैं आयु पर खतरा बना रहता हैं |
उपाय-ससुराल से मधुर संबंध बनाए सास ससुर का ख्याल रखे |
नवम भाव-इस भाव के अशुभ प्रभाव मे होने से पौत्र व साले
का सुख नहीं मिलता या इनसे संबंधअच्छे
नहीं होते,धार्मिक कार्यो मे
रुचि नहीं रहती तथा भाग्य
रूठा रहता हैं |
दसवा भाव –यदि पिता का जीवन कष्टमय हो,रोजगार
की समस्या लगी रहती हो,किसी भी कार्य
मेसफलता नहीं मिलती हो,काम बदलते
रहते हो तो समझ लेना चाहिए की दसवा भाव
पीड़ित हैं |
उपाय-नित्य पिता की पूर्ण श्रद्धा से सेवा कर
आशीर्वाद लिया करे तथा वृद्ध आश्रम मे दान
किया करे
एकादश भाव –इस भाव के पीड़ित होने से बड़े भाई
का सुख नहीं मिलता,लाभ
की प्राप्ति नहीं होतीतथा पुत्र
का वैवाहिक जीवन अच्छा नहीं रहता |
उपाय-अपने से उम्र मे बड़े लोगो का सम्मान करे तथा उनसे
सलाह मशवरा किया करे |
द्वादश भाव-इस भाव के खराब होने से खर्च मे अधिकता,चाचा से
संबंधो मे खराबी,नेत्र दोष व शयनसुख मे
कमी रहती हैं |
उपाय-सप्ताह मे एक दिन जानवरो को हरा चारा खिलाये
तथा जीवनसाथी के नाम से धन
जमाकरे,चाचा का मान सम्मान करे

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