Wednesday, July 16, 2014

त्रिपुंड

ये हैं त्रिपुंड में निवास करने वाले देवता
ललाट अर्थात माथे पर भस्म या चंदन से तीन रेखाएं
बनाई जाती हैं उसे त्रिपुंड कहते हैं। भस्म
या चंदन को हाथों की बीच
की तीन अंगुलियों से लेकर
सावधानीपूर्वक माथे पर तीन
तिरछी रेखाओं जैसा आकार दिया जाता है। शैव संप्रदाय
के लोग इसे धारण करते हैं। शिवमहापुराण के अनुसार त्रिपुंड
की तीन रेखाओं में से हर एक में नौ-
नौ देवता निवास करते हैं। इनके नाम इस प्रकार हैं-
1- अकार, गार्हपत्य अग्नि, पृथ्वी, धर्म, रजोगुण,
ऋग्वेद, क्रियाशक्ति, प्रात:स्वन तथा महादेव- ये त्रिपुंड
की पहली रेखा के नौ देवता हैं।
2- ऊंकार, दक्षिणाग्नि, आकाश, सत्वगुण, यजुर्वेद,
मध्यंदिनसवन, इच्छाशक्ति, अंतरात्मा और महेश्वर- ये त्रिपुंड
की दूसरी रेखा के नौ देवता हैं।
3- मकार, आहवनीय अग्नि, परमात्मा, तमोगुण,
द्युलोक, ज्ञानशक्ति, सामवेद, तृतीयसवन तथा शिव-
ये त्रिपुंड की तीसरी रेखा के
नौ देवता हैं।

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