कुछ काम के उपाय:-----
1. भर लें अपने भण्डार गृहजिस स्थान पर होली जलाई
जाती रही हो, वहां पर
होली जलने से एक दिन पहले
की रात्री में एक मटकी में गाय
का घी, तिल का तेल, गेहूं और ज्वार तथा एक ताम्बे
का पैसा रखकर मटकी का मुंह बंद करके गाड़ आएं।
रात्रि में जब होली जल जाए, तब दूसरे दिन सुबह उसे
उखाड़ लाएं। फिर इन सब वस्तुओं को पोटली में बांधकर
जिस वास्तु में रख दिया जाएगा, वह वास्तु व्यय करने पर
भी उसमें निरंतर
वृद्धि होती रहेगी, और आपके भंडार भरे
हुए रहेंगे।
2. अगर आप चाहते हैं की आपके
प्रतिष्ठान में बिक्री ज्यादा हो तो यह करेंआप अपने
व्यापार में अधिक पैसा प्राप्त करना चाहते हैं और चाहते हैं
की आपके व्यापार की बिक्री बढ़
जाए तो आप वट वृक्ष की लता को शनिवार के दिन जाकर
निमंत्रण दे आएं। (वृक्ष की जड़ के पास एक पान,
सुपारी और एक पैसा रख आएं) रविवार के दिन प्रातः काल
जाकर उसकी एक जटा तोड़ लाएं, पीछे मुड़कर
न देखें। उस जटा को घर लाकर गुग्गल
की धूनी दें तथा 101 बार इस मंत्र का जप
करें-ॐ नमो चण्ड अलसुर स्वाहा।
3. छोटे बच्चों को नजर
लगने पर-अगर आप चाहते हैं की छोटे बच्चों को नजर
न लगे इसके लिए हाथ में चुटकी भर रक्षा लेकर
ब्रहस्पतिवार के दिन 'ॐ चैतन्य गोरखनाथ नमः मंत्र
का 108 बार जप करें। फिर इसे छोटी-
सी पुडिया में डालकर काले रेशमी धागे से बच्चे
के गले में बाँधने पर बुरी नजर
नहीं लगती।
4. अपने व्यापार में करें
मनोवांछित उन्नति-अगर आप अपने व्यापार में मनोवांछित
उन्नति करना चाहते हैं तो सोमवार को प्रातः नवनिर्मित
अंगूठी को गंगाजल में धोकर गाय के दूध में डुबो दें, उसमें
थोड़ी-सी शक्कर, तुलसी के
पत्ते और कोई भी सफ़ेद फूल डाल दें। इसके पश्चात
स्नान ध्यान से निवृत्त होकर अंगूठी को पहन लें।
ऐसा करने से व्यापार में मनोवांछित उन्नति प्राप्त होगी।
5.
कन्या के विवाह में विलम्ब होने पर-अगर
आपकी कन्या के विवाह में विलम्ब
हो रहा हो या कन्या के लिए योग्य वर की तलाश
पूरी नहीं हो रही हो तो किसी भी गुरूवार
के दिन प्रातःकाल नहा धोकर बेसन के लड्डू स्वयं बनाएं।
उनकी गिनती 109
होनी चाहिए। फिर पीले रंग
की टोकरी में पीले रंग
का कपड़ा बिछाकर उन लड्डूओं को उसमें रखदें
तथा अपनी श्रद्धानुसार कुछ दक्षिणा रख दें। पास के
किसी शिव मंदिर में जाकर विवाह हेतु प्रार्थना कर घर आ
जाएं।
6. आपके ज्यादातर कार्य असफल हो रहे हैं तो यह करें-
आप चाहते हैं की आपके द्वारा किये गए कार्य सफल
हो लेकिन कार्य के प्रारम्भ होते ही उसमें विध्न आ
जाते हैं और वह असफल हो जाते हैं इसके लिए आप यह करें:
प्रातःकाल कच्चा सूत लेकर सूर्य के सामने मुंह करके खड़े हो जाएं।
फिर सूर्य देव को नमस्कार करके 'ॐ
हीं घ्रणि सूर्य आदित्य श्रीम'मंत्र बोलते
हुए सूर्य देव को जल चढ़ाएं। जल में रोली, चावल,
चीनी तथा लाल पुष्प दाल लें। इसके पश्चात
कच्चे सूत को सूर्य देव की तरफ करते हुए
गणेशजी का स्मरण करते हुए सात गाँठ लगाएं। इसके
पश्चात इस सूत को किसी खोल में रखकर
अपनी कमीज की जेब में रख
लें, आपके बिगड़े कार्य बनाने लगेंगे।
7. गर्भ धारण करने के लिए-
अगर आपको किसी कारणवश गर्भ धारण
नहीं हो रहा हो तो मंगलवार के दिन कुम्हार के घर
आएं और उसमें प्रार्थना कर मिट्टी के बर्तन वाला डोरा ले
आएं। उसे किसी गिलास में जल भरकर दाल दें। कुछ समय
पश्चात डोरे को निकाल लें और वह पानी पति-
पत्नी दोनों पी लें। यह क्रिया केवल मंगलवार
को ही करनी है अगर संभव हो तो उस
दिन पति-पत्नी अवश्य ही रमण करें। गर्भ
की स्थिति बनते ही उस डोरे
कोहनुमानजी के चरणों में रख दें।
8. अपने घर-
गृहस्थी को बनाएं सुखी-अक्सर हम
गृहस्थ जीवन में देखते हैं तो गृहस्थ का सामान टूट-
फूट जाता है या सामान चोरी हो जाता है।
जो भी आता है असमय ही ख़त्म
हो जाता है। रसोई में बरकत
नहीं रहती है
तो ऐसी स्त्रियाँ भोजन बनाने के बाद शेष अग्नि को न बुझाएं
और जब सब जलकर राख हो जाए तो राख को गोबर में मिलाकर रसोई
कोलीप दें। फर्श हो तो उस राख को पानी में
घोलकर उसी पानी से फर्श डालें। यह
क्रिया कई बार करें। घर-गृहस्थी का छोटा-मोटा सामान,
गिलास, कटोरी, चम्मच आदि सदैव बने रहेंगे।
9. इच्छा के
विरूद्ध कार्य करना पड़ रहा हो तो-अगर
आपको किसी कारणवश कोइ कार्य
अपनी इच्छा के विपरीत करना पड़
रहा हो तो आप कपूर और एक फूल वालीलौंग एक साथ
जलाकर दो-तीन दिन में थोड़ी-
थोड़ी खा लें। आपकी इच्छा के
विपरीत कार्य होना बंद होजाएगा।
10. दाम्पत्य
जीवन से झगड़े दूर करें ऐसे-अगर आपका दाम्पत्य
जीवन अशांत है तो आप रात्री में शय न
करते समय पत्नी अपने पलंग पर देशी कपूर
तथा पति के पलंग पर कामिया सिन्दूर रखें. प्रातः सूर्यदे के समय
पति देशी कपूर को जला दें और पत्नी सिन्दूर
को भवन में छिटका दें। इस टोटके से कुछ ही दिनों में
कलह समाप्त हो जाती है।
11.
बेरोजगारी दूर करने हेतु-अगर
आपको नौकरी या काम नहीं मिल रहा है
और आप मारे-मारे फिर रहे हैं तो एक दागरहित
बड़ा नीबूं लें और चौराहे पर बारह बजे से पहले जाकर
उसके चार हिस्से कर लें और चारों दिशाओं में दूर-दूर फेंक दें।
फलस्वरूप बेरोजगारी की समस्या समाप्त
हो जाएगी।
12. भाग्योदय करने के लिए करें यह उपाय-
अपने सोए भाग्य को जगाने के लिए आप प्रात सुबह उठकर
जो भी स्वर चल रहा हो, वही हाथ
देखकर तीन बारचूमें, तत्पश्चात वही पांव
धरती पर रखें और वही कदम आगे बाधाएं।
ऐसा नित्य-प्रतिदिन करने से निश्चित रूप से भाग्योदय होगा।
13.
त्वचा रोग होने पर यह करें-त्वचा संबंधी रोग केतु के
दुष्प्रभाव से बढ़ते हैं। यदि त्वचा संबंधी घाव
ठीक न हो रहा हो तो सायंकाल मिट्टी के नए
पात्र में पानी रखकर उसमें सोने
की अंगूठी या एनी कोइ आभूषण
दाल दें। कुछ देर बाद उसी पानी से घाव को धोने
के बाद अंगूठी निकालकर रख लें तथा पाने
किसी चौराहे पर फेंक आएं। ऐसा तीन दिन
करें तो रोग शीघ्र ठीक हो जाएगा।
14.
मंदी से छुटकारा पाएं ऐसे-अगर आपके व्यापार में
मंदी आ गयी है या नौकरी में
मंदी आ गयी है तो यह करें।
किसी साफ़ शीशी में सरसों का तेल
भरकर उस शीशी को किसी तालाब
या बहती नदी के जल में डाल दें।
शीघ्र ही मंदी का असर
जाता रहेगा और आपके व्यापार में जान आ जाएगी।
15.
भय को दूर करें ऐसे-अगर आपको बिना कारण भय रहता हो या सांप-
बिच्छू या वन्य पशुओं का भय रहता हो तो यह करें : बांस
की जड़ जलाकर उसे कान पर धारण करने से भय मिट
जाता है। निर्गुन्डी की जड़ अथवा मोर पंख
घर में रखदेने से सर्प कभी भी घर में प्रवेश
नहीं करता। रवि-पुष्य योग में प्राप्त सफ़ेद चादर
की जड़ लाकर दाईं भुजा पर बाँधने से वन्य पशुओं का भय
नहीं रहता है साथ ही अग्नि भय से
भी छुटकारा मिल जाता है। केवड़े की जड़ कान
पर धारण करने से शत्रु भय मिट जाता है।
16. अगर आपके परिवार में
कोई रोगग्रस्त हो तो यह करें.अगर स्वास्थ्य में सुधर न
होता हो तो यह उपाय करें: एक देशी अखंडित पान,
गुलाब का फूल और कुछ बताशे रोगी के ऊपर से 31 बार
उतारें तथा अंतोक चौराहे पर रख दें। इसके प्रभाव से
रोगी की दशा में शीघ्रता से सुधार
होगा।
17. पारिवारिक सुख-शांति के लिए-अगर आपके परिवार में
अशांति रहती है और सुख-चैन का अभाव है
तो प्रतिदिन प्रथम रोगी के चार भाग करें, जिसका एक गाय
को, दूसरा काले कुत्ते को, तीसरा कौवे
को तथा चौथा टुकड़ा किसी चौराहे पर रखवादें तो इसके
प्रभाव से समस्त दोष समाप्त होकर परिवार
की शांति तथा सम्रद्धि बढ़ जाती है।
18.
अपनाएं सुखी रहने के कुछ नुस्खे-ब्रहस्पतिवार
या मंगलवार को सात गाँठ हल्दी तथा थोड़ा-सा गुड इसके
साथ पीतल का एक टुकड़ा इन सबको मिलाकर
पोटली में बांधें तथा ससुराल की दिशा में फेंक दें
तो वहां हर प्रकार से शांति व सुखरहता है।
कन्या अपनी ससुराल में रहते हुए यह करें।
मेहँदी तथा साबुत उरद जिस दिशा में वधु का घर हो,
उसी दिशा में फेंकने से वर-वधु में प्रेम बढ़ता है।
किसी विशेष कार्य के लिए घर के निकलते समय एक साबुत
नीबू लेकर गाय के गोबर में दबा दें तथा उसके ऊपर थोड़ा-
सा कामिया सिन्दूर छिड़क दें तथा कार्य बोलकर चले जाएं तो कार्य निश्चित
ही बन जाता है।सावन के महीने में जब
पहली बरसात हो तो बहते पानी में विवाह
करने से दुर्भाग्य दूर हो जाता है।
.19. अविवाहित व अधिक उम्र
की कन्या के विवाह के लिए-अगर
आपकी लडकी अविवाहित है
या उसकी उम्र बहुत ज्यादा हो चुकी है
इसके कारण विवाह होने में रूकावटें आ रही हो तो इसके
लिए एक उपाय है: देवोत्थान एकादशी कच और
देवयानी की मिट्टी की मूरतें
बनाकर उन मूर्तियों में हल्दी, चावल, आते का घोल लगाकर
उनकी पूजा करके उन्हें एक लकड़ी के
फट्टे से ढक लेते हैं. फिर उस फट्टे पर
कुमारी कन्या को बिठा दिया जाता है तो उसका विवाह
हो जाता है।
20 राई से करें दरिद्रता निवारण-पैसों का कोइ जुगाड़ न बन
रहा हो तथा घर में दरिद्रता का वाश हो तो यह करें: एक
पानी भरे घड़े में राई के पत्ते डालकर इस जल
को अभिमंत्रित करके जिस
भी किसी व्यक्ति को स्नान
कराया जाएगा उसकीदरिद्रता रोग नष्ट हो जाते हैं।
21.स्वप्न में भविष्य जानें
इस तरह भी-अगर आप स्वप्न
में भविष्य की बात मालूम करना चाहते हैं तो जंगल में
जाकर जिस वृक्ष पर अमर बेल हो, उसकी सात
परिक्रमा कर अमर बेल्युक्त एक लकड़ी को तोड़ लाएं।
फिर उस लकड़ी को धुप देकर जला दें तथा लता को सिरहाने
रखकर विचार करते हुए सो जाएं तो स्वप्न में भविष्य
की बात मालूम हो जाती है।
पांवों को जगानेका टोटका :
बहुधा देखा गया है
कि प्राणी कहीं देर तक बैठा हो तो हाथ-पैर
सुन्न हो जाते हैं। जो अंग सुन्न हो गया हो, उस पर
उंगली से 27 का अंक लिख दीजिये, अंग
ठीक हो जाएगा।
मृत्यु की आशंका से बचने केउपाय :
काले तिल और जौ का आटा तेल में गूंथकर एक
मोटी रोटी बनाएं और उसे
अच्छी तरह सेंकें। गुड को तेल में मिश्रित करके जिस
व्यक्ति की मरने की आशंका हो, उसके सिर
पर से 7 बार उतार कर मंगलवार या शनिवार को भैंस को खिला दें।गुड के
गुलगुले सवाएं लेकर 7 बार उतार कर मंगलवार या शनिवार व इतवार
को चील-कौए को डाल दें, रोगी को तुरंत राहत
मिलेगी।महामृत्युंजय मंत्र का जप करें। द्रोव, शहद और
तिल मिश्रित कर शिवजी को अर्पित करें। 'ॐ
नमः शिवाय' षडाक्षर मंत्र का जप भी करें, लाभ होगा।
लक्ष्मी प्राप्ति के टोटके :श्रावण के महीने
में 108 बिल्व पत्रों पर चन्दन से नमः शिवाय लिखकर
इसी मंत्र का जप करते
हुएशिवजी को अर्पित करें। 31 दिन तक यह प्रयोग
करें, घर में सुख-शांति एवं सम्रद्धि आएगी, रोग, बाधा,
मुकदमा आदि में लाभ एवं व्यापार में प्रगति होगी व
नया रोजगार मिलेगा। यह एक अचूक प्रयोग है।भगवान् को भोग लगाई
हुई थाली अंतिम आदमी के भोजन करने तक
ठाकुरजी के सामने रखी रहे तो रसोई
बीच में ख़त्म नहीं होती है।
बालक की दीर्घायु के लिये :
बालक को जन्म के
नाम से मत पुकारें।पांच वर्ष तक बालक को कपडे मांगकर
ही पहनाएं।3 या 5 वर्ष तक सिर के बाल न कटाएं।
उसके जन्मदिन पर बालकों को दूध पिलाएं।बच्चे
को किसी की गोद में दे दें और यह कहकर
प्रचार करें कि यह अमुक व्यक्ति का लड़का है।घर में सुख-शांति के
लिये :मंगलवार को चना और गुड बंदरों को खिलाएं।आठ वर्ष तक के
बच्चों को मीठी गोलियां बाँटें।शनिवार
को गरीब व भिखारियों को चना और गुड दें अथवा भोजन
कराएं।मंगलवार व शनिवार को घर में सुन्दरकाण्ड का पाठ करें या कराएं।
ग्रहों के देवता :सूर्य के देवता विष्णु, चन्द्र के देवता शिव, बुध
की देवी दुर्गा, ब्रहस्पति के देवता ब्रह्मा,
शुक्र की देवी लक्ष्मी, शनि के
देवता शिव, राहु के देवता सर्प और केतु के देवता गणेश। जब
भी इन ग्रहों का प्रकोप हो तो इन देवताओं
की उपासना करनी चाहिए।
मनोकामना की पूर्ती हेतु
होली केदिन से शुरू करके प्रतिदिन हनुमान जी को पांच पुष्प
चढाएं, मनोकामना शीघ्र पूर्ण होगी।
होली की प्रातः बेलपत्र पर सफ़ेद चन्दन
की बिंदी लगाकर
अपनी मनोकामना बोलते हुए शिवलिंग पर सच्चेमन से
अर्पित करें। बाद में सोमवार को किसी मन्दिर में भोलेनाथ
को पंचमेवा की खीर अवश्य चढाएं,
मनोकामना पूरी होगी।
रोजगारप्राप्ति हेतु
होली की रात्री बारह
बजे से पूर्व एक दाग रहित बड़ा नीबू लेकर चौराहे पर
जाएं और उसकी चार फांक चारों कोनों में फेंक दें। फिर वापिस
घर जाएं किन्तु ध्यान रहे, वापिस जाते समय पीछे मुड़कर
न देखें। उपाय श्रद्धापूर्वक करें, शीघ्र
ही बुरे दिन दूर होंगे व रोजगार प्राप्त होगा।स्वास्थ्य
लाभ हेतुमृत्यु तुल्य कष्ट से ग्रस्त
रोगी को छुटकारा दिलाने के लिये जौ के आटे में तिल एवं
सरसों का तेलमिला कर मोटी रोटी बनाएं और उसे
रोगी के ऊपर से सात बार उतारकर भैंस को खिला दें। यह
क्रिया करतेसमय ईश्वर से रोगी को शीघ्र
स्वस्थ करने की प्रार्थना करते रहें।
व्यापार लाभ के
होली के दिन गुलाल के एक खुले पैकेट में एक
मोती शंख और चांदी का एक सिक्का रखकर
उसे नए लाल कपडेमें लाल मौली से बांधकर
तिजोरी में रखें, व्यवसाय में लाभ होगा।
होली के अवसर पर एक एकाक्षी नारियल
की पूजा करके लाल कपडे में लपेट कर दुकान में या व्यापार
पर स्थापित करें। साथ ही स्फटिक का शुद्ध
श्रीयंत्र रखें. उपाय निष्ठापूर्वक करें, लाभ में दिन
दूनीरात चौगुनी वृद्धि होगी।
धनहानी से बचाव के लियेहोली के दिन मुख्य
द्वार पर गुलाल छिडकें और उस पर
द्विमुखी दीपक जलाएं। दीपक
जलाते समय धनहानि से बचाव की कामना करें। जब
दीपक बुझ जाए तो उसे
होली की अग्नि में डाल दें। यह
क्रिया श्रद्धापूर्वक करें, धन हानि से बचाव होगा।
दुर्घटना से बचाव
के लियेहोलिका दहन से पूर्व पांच काली गुंजा लेकर
होली की पांच परिक्रमा लगाकर अंत में
होलिका की ओर पीठकरके पाँचों गुन्जाओं
को सिर के ऊपर से पांच बार उतारकर सिर के ऊपर से
होली में फेंक दें।होली के दिन प्रातः उठते
ही किसी ऐसे व्यक्ति से कोई वास्तु न लें,
जिससे आप द्वेष रखते हों। सिरढक कर रखें।
किसी को भी अपना पहना वस्त्र या रूमाल
नहीं दें। इसके अतिरिक्त इस दिन शत्रु
या विरोधी से पान, इलायची, लौंग आदि न लें। ये
सारे उपाय सावधानी पूर्वक करें, दुर्घटना से बचाव होगा।
आत्मरक्षा हेतुकिसी को कष्ट न पहुंचाएं,
किसी का बुरा न करें और न सोचें।
आपकी रक्षा होगी।घर के प्रत्येक सदस्य
को होलिका दहन में घी में भिगोई हुई दो लौंग, एक
बताशा और एक पान का पत्ता अवश्य चढ़ाना चाहिए।
होली की ग्यारह परिक्रमा करते हुए
होली में सूखे नारियल
की आहुति देनी चाहिए।. इससे सुख-
सम्रद्धि बढ़ती है, कष्ट दूर होते हैं।अनबन दूर करने
के लियेहोली के दिन 5-5 रत्ती के 5
मोतियों का ब्रेसलेट पहनें। इसके अतिरिक्त हर
पूर्णिमा को चांदी के पात्र में कच्चा दूध डालकर
चन्द्रमा को अर्ध्य दें, पति-
पत्नी की आपसी संबंधों में
मधुरता आयेगी।
मतभेद दूर करने के लिये
पुत्रकी पिता से न बनती हो तो अमावस्या,
चतुर्दर्शीय या ग्रहण के दिन पुत्र पिता के जूतों से पुराने
मोज़े निकाल कर उनमें नए मोज़े रख दे, दोनों के बीच चल
रहा वैमनस्य दूर हो जाएगा।आँखों के रोग से मुक्ति के लिएआँखों में
यदि काला मोतिया हो जाए तो ताम्बे के पात्र में जल लेकर उसमें ताम्बे
का सिक्का व गुड डालकर प्रतिदिन सूर्य को अर्ध्य दें। यह उपाय
शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार से शुरू कर चौदह रविवारकरें। अर्ध्य
देते समय रोग से मुक्ति की प्रार्थना करते रहें। इसके
अतिरिक्त पांच प्रकार के फल लाल कपडे में बांधकर
किसी भी मन्दिर में दें। यह उपाय
निष्ठापूर्वक करें, लाभ होगा।
नौकरी की प्राप्ति के लिए
नौकरी नमिल रही हो तो मन्दिर में बारह फल चढ़ाएं। यह उपाय
नियमित रूप से करें और इश्वर से नौकरीमिलने
की प्रार्थना करें।शीघ्र विवाह के लिएविवाह
योग्य वर या कन्या के शीघ्र विवाह के लिए घर के मन्दिर
में नवग्रह यन्त्र स्थापित करें। जिनकी नई
शादी हो, उन्हें घर बुलाएं, उनका सत्कार करें और लाल
वस्त्र भेंट करें उन्हें भोजन या जलपान कराने के पश्चात सौंफ
मिस्री जरूर दें। यह सब करते समय शीघ्र
विवाह की कामना करें। यह उपायशुक्ल पक्ष के
मंगलवार को करें, लाभ होगा।मनोकामना पूर्ती के लियेव्यापार
मंदा हो तथा पैसा टिकता न हो, तो नवग्रह यन्त्र और धन यन्त्र
घर के मन्दिर में शुभ समय में स्थापित करें। इसके अतिरिक्त सोलह
सोमवार तक पांच प्रकार की सब्जियां मन्दिर में दें और
पंचमेवा की खीर भोलेनाथ को मन्दिर में अर्पित
करें। सभी कामनाएं पूरी होंगी।
कुछ अन्य टोटकेसमाज में मान सम्मन की प्राप्ति के लिये
कबूतरों को चावल मिश्रित डालें, बाजरा शुक्रवार को खरीदें व
शनिवार से डालना शुरू करें।शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार या बुधवार
को चमकीले पीले वस्त्र में शुद्ध
कस्तूरी लपेटकर अपने धन रखने के स्थान पर रखें, घर
में सुख-समृद्धी आयेगी।यदि मार्ग में कोई
सफाई कर्मचारी सफाई करता दिखाई दे तो उसे यह
कहकर की चाय-
पानी पी लेना या कुछखा लेना, कुछ दान अवश्य
दें, परिवार में प्यार व सुख-समृद्धी बढ़ेगी।
यदि सफाई कर्मचारी महिला होतो शुभ फल अधिक मिलेगा।
किसी भी विशेष मनोरथ
की पूर्ती के लिये शुक्ल पक्ष में
जटावाला नारियल नए लाल सूती कपडे में बांधकर बहते
जल में प्रवाहित करें। यह उपाय निष्ठापूर्वक करें।शुक्ल पक्ष के
प्रथम मंगलवार से नित्य प्रातः में अर्पित करें। फूल
हनुमानजी को मन्दिर में अर्पित करें। फूल अर्पित करते
समय हनुमान जी से मनोकामना पूरी करने
की प्रार्थना करते रहें। ध्यान रहे यह उपाय करते
समय कोई आपको टोके नहीं और टोके तो आप
उसका उत्तर न दें।जन्म पत्रिका में 12वें भाव में मंगल हो और खर्च
बहुत होता हो, तो बेलपत्र पर चन्दन से 'भौमाय नमः' लिखकर
सोमवार को शिवलिंग पर चढ़ाएं, उक्त सारे कष्ट दूर हो जायेंगे।स्वस्थ
शरीर के लिए :एक रुपये का सिक्का लें। रात को उसे
सिरहाने रख कर सो जाएं। प्रातः इसे ष्मशान
की सीमा में फेंक आएं। शरीर
स्वस्थ रहेगा।ससुराल में सुखी रहने के लिए :साबुत
हल्दी की गांठें, पीतल का एक
टुकड़ा, थोड़ा सा गुड़ अगर कन्या अपने हाथ से ससुराल
की तरफ फेंक दे, तो वह ससुराल में सुरक्षापूर्वक और
सुखी रहती है।सुखी वैवाहिक
जीवन के लिए :कन्या का जब विवाह हो चुका हो और
वह विदा हो रही हो, तो एक लोटे (गड़वी)
में गंगा जल, थोड़ी सी हल्दी,
एक पीला सिक्का डाल कर, लड़की के सिर के
उपर से ७ बार वार कर उसके आगे फेंक दें। वैवाहिक
जीवन सुखी रहेगा।परेषानियां दूर करने व
कार्य सिद्धि हेतु :शनिवार को प्रातः, अपने काम पर जाने से पहले,
एक नींबू लें। उसके दो टुकड़े करें। एक टुकड़े को आगे
की तरफ फेंके, दूसरे को पीछे
की तरफ। इन्हें चौराहे पर फेंकना है। मुख
भी दक्षिण की ओर हो। नींबू
को फेंक कर घर वापिस आ जाएं, या काम पर चले जाएं। दिन भर काम
बनते रहेंगे तथा परेषानियां भी दूर होंगी।काम
या यात्रा पर जाते
हुए :कभी भी किसी काम के
लिए, या यात्रा पर जाते समय, एक नारियल लें। उसको हाथ में ले कर,
११ बार श्री हनुमते नमः कह कर,
धरती पर मार कर तोड़ दें। उसके जल को अपने ऊपर
छिड़क लें और गरी को निकाल कर बांट दें तथा खुद
भी खाएं, तो यात्रा सफल रहेगी तथा काम
भी बन जाएगा।काम के लिए : अगर
आपको किसी विशेष काम से जाना है, तो नीले
रंग का धागा ले कर घर से निकलें। घर से
जो तीसरा खंभा पड़े, उस पर, अपना काम कह कर,
नीले रंग का धागा बांध दें। काम होने
की संभावनाएंबढ़ जाएंगी।काम के
लिएहल्दी की ७ साबुत गांठें, ७ गुड़
की डलियां, एक रुपये
का सिक्का किसी पीले कपड़े में बांध कर, रेलवे
लाइन के पार फेंक दें। फेंकते समय कहें काम दे, तो काम होने
की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।धन के लिए :एक
हंडियां में सवा किलो हरी साबुत मूंग दाल
या मूंगी, दूसरी में सवा किलो डलिया वाला नमक
भर दें। यह दो हंडियां घर में कहीं रख दें। यह
क्रिया बुधवार को करें। घर में धन आना शुरू हो जाएगा।
मिर्गी के रोग को दूर करने के लिए :अगर गधे के दाहिने
पैर का नाखून अंगूठी में धारण करें,
तो मिर्गी की बीमारी दूर
हो जाती है।भूत-प्रेत और जादू-टोना से बचने के
लिए :मोर पंख को अगर ताबीज में भर के बच्चे के गले में
डाल दें, तो उसे भूत-प्रेत और जादू-टोने
की पीड़ा नहीं रहती।
परीक्षा में सफलता हेतु :
परीक्षा मेंसफलता हेतु गणेश रुद्राक्ष धारण करें। बुधवार को गणेश
जी के मंदिर में जाकर दर्शन करें और मूंग के लड्डुओं
का भोग लगाकर सफलता की प्रार्थना करें।पदोन्नति हेतु :
शुक्ल पक्ष के सोमवार को सिद्ध योग में तीन
गोमती चक्र चांदी के तार में एक साथ बांधें और
उन्हें हर समय अपने साथ रखें, पदोन्नति के साथ-साथ व्यवसाय में
भी लाभ होगा।
मुकदमे में विजय हेतु :
पांचगोमती चक्र जेब में रखकर कोर्ट में जाया करें, मुकदमे में
निर्णय आपके पक्ष में होगा।पढ़ाई में एकाग्रता हेतु : शुक्ल पक्ष
के पहले रविवार को इमली के २२ पत्ते ले आएं और
उनमें से ११पत्ते सूर्य देव को ¬ सूर्याय नमः कहते हुए अर्पित
करें। शेष ११ पत्तों को अपनी किताबों में रख लें, पढ़ाई में
रुचि बढ़ेगी।कार्य में सफलता के लिए : अमावस्या के दिन
पीले कपड़े का त्रिकोना झंडा बना कर विष्णु भगवान के
मंदिर के ऊपर लगवा दें, कार्य सिद्ध होगा।
व्यवसाय बाधा सेमुक्ति हेतु :
यदि कारोबार मेंहानि हो रही हो अथवा ग्राहकों का आना कम
हो गया हो, तो समझें कि किसी ने आपके कारोबार को बांध
दिया है। इस बाधा से मुक्ति के लिए दुकान या कारखाने के पूजन स्थल
में शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को अमृत सिद्ध या सिद्ध योग में
श्री धनदा यंत्र स्थापित करें। फिर नियमित रूप से केवल
धूप देकर उनके दर्शन करें, कारोबार में लाभ होने लगेगा।गृह कलह
से मुक्ति हेतु : परिवार में पैसे की वजह से कलह
रहता हो, तो दक्षिणावर्ती शंख में पांच कौड़ियां रखकर
उसे चावल से
भरी चांदी की कटोरी पर
घर में स्थापित करें। यह प्रयोग शुक्ल पक्ष के प्रथम शुक्रवार
को या दीपावली के अवसर पर करें, लाभ
अवश्य होगा।
क्रोध पर नियंत्रण हेतु :
यदि घर केकिसी व्यक्ति को बात-बात पर गुस्सा आता हो,
तो दक्षिणावर्तीशंख को साफ कर उसमें जल भरकर उसे
पिला दें। यदि परिवार में पुरुष सदस्यों के कारण आपस में तनाव
रहता हो, तो पूर्णिमा के दिन कदंब वृक्ष की सात अखंड
पत्तों वाली डाली लाकर घर में रखें।
अगली पूर्णिमा को पुरानी डाली कदंब
वृक्ष के पास छोड़ आएं और नई डाली लाकर रखें। यह
क्रिया इसी तरह करते रहें, तनाव कम होगा।
मकानखाली कराने हेतु :
शनिवार की शाम
को भोजपत्र पर लाल चंदन से किरायेदार का नाम लिखकर शहद
मेंडुबो दें। संभव हो, तो यह
क्रिया शनिश्चरी अमावस्या को करें। कुछ
ही दिनों में किरायेदार घर खालीकर देगा। ध्यान
रहे, यह क्रिया करते समय कोई टोके नहीं।
बिक्री बढ़ाने हेतु : ग्यारह गोमती चक्र और
तीन लघु नारियलों की यथाविधि पूजा कर उन्हें
पीले वस्त्र में बांधकर बुधवार या शुक्रवार को अपने
दरवाजे पर लटकाएं तथा हर पूर्णिमा को धूप दीप जलाएं।
यह क्रिया निष्ठापूर्वक नियमित रूप से करें,
ग्राहकों की संख्या में वृद्धि होगी और
बिक्री बढ़ेगी।
1. भर लें अपने भण्डार गृहजिस स्थान पर होली जलाई
जाती रही हो, वहां पर
होली जलने से एक दिन पहले
की रात्री में एक मटकी में गाय
का घी, तिल का तेल, गेहूं और ज्वार तथा एक ताम्बे
का पैसा रखकर मटकी का मुंह बंद करके गाड़ आएं।
रात्रि में जब होली जल जाए, तब दूसरे दिन सुबह उसे
उखाड़ लाएं। फिर इन सब वस्तुओं को पोटली में बांधकर
जिस वास्तु में रख दिया जाएगा, वह वास्तु व्यय करने पर
भी उसमें निरंतर
वृद्धि होती रहेगी, और आपके भंडार भरे
हुए रहेंगे।
2. अगर आप चाहते हैं की आपके
प्रतिष्ठान में बिक्री ज्यादा हो तो यह करेंआप अपने
व्यापार में अधिक पैसा प्राप्त करना चाहते हैं और चाहते हैं
की आपके व्यापार की बिक्री बढ़
जाए तो आप वट वृक्ष की लता को शनिवार के दिन जाकर
निमंत्रण दे आएं। (वृक्ष की जड़ के पास एक पान,
सुपारी और एक पैसा रख आएं) रविवार के दिन प्रातः काल
जाकर उसकी एक जटा तोड़ लाएं, पीछे मुड़कर
न देखें। उस जटा को घर लाकर गुग्गल
की धूनी दें तथा 101 बार इस मंत्र का जप
करें-ॐ नमो चण्ड अलसुर स्वाहा।
3. छोटे बच्चों को नजर
लगने पर-अगर आप चाहते हैं की छोटे बच्चों को नजर
न लगे इसके लिए हाथ में चुटकी भर रक्षा लेकर
ब्रहस्पतिवार के दिन 'ॐ चैतन्य गोरखनाथ नमः मंत्र
का 108 बार जप करें। फिर इसे छोटी-
सी पुडिया में डालकर काले रेशमी धागे से बच्चे
के गले में बाँधने पर बुरी नजर
नहीं लगती।
4. अपने व्यापार में करें
मनोवांछित उन्नति-अगर आप अपने व्यापार में मनोवांछित
उन्नति करना चाहते हैं तो सोमवार को प्रातः नवनिर्मित
अंगूठी को गंगाजल में धोकर गाय के दूध में डुबो दें, उसमें
थोड़ी-सी शक्कर, तुलसी के
पत्ते और कोई भी सफ़ेद फूल डाल दें। इसके पश्चात
स्नान ध्यान से निवृत्त होकर अंगूठी को पहन लें।
ऐसा करने से व्यापार में मनोवांछित उन्नति प्राप्त होगी।
5.
कन्या के विवाह में विलम्ब होने पर-अगर
आपकी कन्या के विवाह में विलम्ब
हो रहा हो या कन्या के लिए योग्य वर की तलाश
पूरी नहीं हो रही हो तो किसी भी गुरूवार
के दिन प्रातःकाल नहा धोकर बेसन के लड्डू स्वयं बनाएं।
उनकी गिनती 109
होनी चाहिए। फिर पीले रंग
की टोकरी में पीले रंग
का कपड़ा बिछाकर उन लड्डूओं को उसमें रखदें
तथा अपनी श्रद्धानुसार कुछ दक्षिणा रख दें। पास के
किसी शिव मंदिर में जाकर विवाह हेतु प्रार्थना कर घर आ
जाएं।
6. आपके ज्यादातर कार्य असफल हो रहे हैं तो यह करें-
आप चाहते हैं की आपके द्वारा किये गए कार्य सफल
हो लेकिन कार्य के प्रारम्भ होते ही उसमें विध्न आ
जाते हैं और वह असफल हो जाते हैं इसके लिए आप यह करें:
प्रातःकाल कच्चा सूत लेकर सूर्य के सामने मुंह करके खड़े हो जाएं।
फिर सूर्य देव को नमस्कार करके 'ॐ
हीं घ्रणि सूर्य आदित्य श्रीम'मंत्र बोलते
हुए सूर्य देव को जल चढ़ाएं। जल में रोली, चावल,
चीनी तथा लाल पुष्प दाल लें। इसके पश्चात
कच्चे सूत को सूर्य देव की तरफ करते हुए
गणेशजी का स्मरण करते हुए सात गाँठ लगाएं। इसके
पश्चात इस सूत को किसी खोल में रखकर
अपनी कमीज की जेब में रख
लें, आपके बिगड़े कार्य बनाने लगेंगे।
7. गर्भ धारण करने के लिए-
अगर आपको किसी कारणवश गर्भ धारण
नहीं हो रहा हो तो मंगलवार के दिन कुम्हार के घर
आएं और उसमें प्रार्थना कर मिट्टी के बर्तन वाला डोरा ले
आएं। उसे किसी गिलास में जल भरकर दाल दें। कुछ समय
पश्चात डोरे को निकाल लें और वह पानी पति-
पत्नी दोनों पी लें। यह क्रिया केवल मंगलवार
को ही करनी है अगर संभव हो तो उस
दिन पति-पत्नी अवश्य ही रमण करें। गर्भ
की स्थिति बनते ही उस डोरे
कोहनुमानजी के चरणों में रख दें।
8. अपने घर-
गृहस्थी को बनाएं सुखी-अक्सर हम
गृहस्थ जीवन में देखते हैं तो गृहस्थ का सामान टूट-
फूट जाता है या सामान चोरी हो जाता है।
जो भी आता है असमय ही ख़त्म
हो जाता है। रसोई में बरकत
नहीं रहती है
तो ऐसी स्त्रियाँ भोजन बनाने के बाद शेष अग्नि को न बुझाएं
और जब सब जलकर राख हो जाए तो राख को गोबर में मिलाकर रसोई
कोलीप दें। फर्श हो तो उस राख को पानी में
घोलकर उसी पानी से फर्श डालें। यह
क्रिया कई बार करें। घर-गृहस्थी का छोटा-मोटा सामान,
गिलास, कटोरी, चम्मच आदि सदैव बने रहेंगे।
9. इच्छा के
विरूद्ध कार्य करना पड़ रहा हो तो-अगर
आपको किसी कारणवश कोइ कार्य
अपनी इच्छा के विपरीत करना पड़
रहा हो तो आप कपूर और एक फूल वालीलौंग एक साथ
जलाकर दो-तीन दिन में थोड़ी-
थोड़ी खा लें। आपकी इच्छा के
विपरीत कार्य होना बंद होजाएगा।
10. दाम्पत्य
जीवन से झगड़े दूर करें ऐसे-अगर आपका दाम्पत्य
जीवन अशांत है तो आप रात्री में शय न
करते समय पत्नी अपने पलंग पर देशी कपूर
तथा पति के पलंग पर कामिया सिन्दूर रखें. प्रातः सूर्यदे के समय
पति देशी कपूर को जला दें और पत्नी सिन्दूर
को भवन में छिटका दें। इस टोटके से कुछ ही दिनों में
कलह समाप्त हो जाती है।
11.
बेरोजगारी दूर करने हेतु-अगर
आपको नौकरी या काम नहीं मिल रहा है
और आप मारे-मारे फिर रहे हैं तो एक दागरहित
बड़ा नीबूं लें और चौराहे पर बारह बजे से पहले जाकर
उसके चार हिस्से कर लें और चारों दिशाओं में दूर-दूर फेंक दें।
फलस्वरूप बेरोजगारी की समस्या समाप्त
हो जाएगी।
12. भाग्योदय करने के लिए करें यह उपाय-
अपने सोए भाग्य को जगाने के लिए आप प्रात सुबह उठकर
जो भी स्वर चल रहा हो, वही हाथ
देखकर तीन बारचूमें, तत्पश्चात वही पांव
धरती पर रखें और वही कदम आगे बाधाएं।
ऐसा नित्य-प्रतिदिन करने से निश्चित रूप से भाग्योदय होगा।
13.
त्वचा रोग होने पर यह करें-त्वचा संबंधी रोग केतु के
दुष्प्रभाव से बढ़ते हैं। यदि त्वचा संबंधी घाव
ठीक न हो रहा हो तो सायंकाल मिट्टी के नए
पात्र में पानी रखकर उसमें सोने
की अंगूठी या एनी कोइ आभूषण
दाल दें। कुछ देर बाद उसी पानी से घाव को धोने
के बाद अंगूठी निकालकर रख लें तथा पाने
किसी चौराहे पर फेंक आएं। ऐसा तीन दिन
करें तो रोग शीघ्र ठीक हो जाएगा।
14.
मंदी से छुटकारा पाएं ऐसे-अगर आपके व्यापार में
मंदी आ गयी है या नौकरी में
मंदी आ गयी है तो यह करें।
किसी साफ़ शीशी में सरसों का तेल
भरकर उस शीशी को किसी तालाब
या बहती नदी के जल में डाल दें।
शीघ्र ही मंदी का असर
जाता रहेगा और आपके व्यापार में जान आ जाएगी।
15.
भय को दूर करें ऐसे-अगर आपको बिना कारण भय रहता हो या सांप-
बिच्छू या वन्य पशुओं का भय रहता हो तो यह करें : बांस
की जड़ जलाकर उसे कान पर धारण करने से भय मिट
जाता है। निर्गुन्डी की जड़ अथवा मोर पंख
घर में रखदेने से सर्प कभी भी घर में प्रवेश
नहीं करता। रवि-पुष्य योग में प्राप्त सफ़ेद चादर
की जड़ लाकर दाईं भुजा पर बाँधने से वन्य पशुओं का भय
नहीं रहता है साथ ही अग्नि भय से
भी छुटकारा मिल जाता है। केवड़े की जड़ कान
पर धारण करने से शत्रु भय मिट जाता है।
16. अगर आपके परिवार में
कोई रोगग्रस्त हो तो यह करें.अगर स्वास्थ्य में सुधर न
होता हो तो यह उपाय करें: एक देशी अखंडित पान,
गुलाब का फूल और कुछ बताशे रोगी के ऊपर से 31 बार
उतारें तथा अंतोक चौराहे पर रख दें। इसके प्रभाव से
रोगी की दशा में शीघ्रता से सुधार
होगा।
17. पारिवारिक सुख-शांति के लिए-अगर आपके परिवार में
अशांति रहती है और सुख-चैन का अभाव है
तो प्रतिदिन प्रथम रोगी के चार भाग करें, जिसका एक गाय
को, दूसरा काले कुत्ते को, तीसरा कौवे
को तथा चौथा टुकड़ा किसी चौराहे पर रखवादें तो इसके
प्रभाव से समस्त दोष समाप्त होकर परिवार
की शांति तथा सम्रद्धि बढ़ जाती है।
18.
अपनाएं सुखी रहने के कुछ नुस्खे-ब्रहस्पतिवार
या मंगलवार को सात गाँठ हल्दी तथा थोड़ा-सा गुड इसके
साथ पीतल का एक टुकड़ा इन सबको मिलाकर
पोटली में बांधें तथा ससुराल की दिशा में फेंक दें
तो वहां हर प्रकार से शांति व सुखरहता है।
कन्या अपनी ससुराल में रहते हुए यह करें।
मेहँदी तथा साबुत उरद जिस दिशा में वधु का घर हो,
उसी दिशा में फेंकने से वर-वधु में प्रेम बढ़ता है।
किसी विशेष कार्य के लिए घर के निकलते समय एक साबुत
नीबू लेकर गाय के गोबर में दबा दें तथा उसके ऊपर थोड़ा-
सा कामिया सिन्दूर छिड़क दें तथा कार्य बोलकर चले जाएं तो कार्य निश्चित
ही बन जाता है।सावन के महीने में जब
पहली बरसात हो तो बहते पानी में विवाह
करने से दुर्भाग्य दूर हो जाता है।
.19. अविवाहित व अधिक उम्र
की कन्या के विवाह के लिए-अगर
आपकी लडकी अविवाहित है
या उसकी उम्र बहुत ज्यादा हो चुकी है
इसके कारण विवाह होने में रूकावटें आ रही हो तो इसके
लिए एक उपाय है: देवोत्थान एकादशी कच और
देवयानी की मिट्टी की मूरतें
बनाकर उन मूर्तियों में हल्दी, चावल, आते का घोल लगाकर
उनकी पूजा करके उन्हें एक लकड़ी के
फट्टे से ढक लेते हैं. फिर उस फट्टे पर
कुमारी कन्या को बिठा दिया जाता है तो उसका विवाह
हो जाता है।
20 राई से करें दरिद्रता निवारण-पैसों का कोइ जुगाड़ न बन
रहा हो तथा घर में दरिद्रता का वाश हो तो यह करें: एक
पानी भरे घड़े में राई के पत्ते डालकर इस जल
को अभिमंत्रित करके जिस
भी किसी व्यक्ति को स्नान
कराया जाएगा उसकीदरिद्रता रोग नष्ट हो जाते हैं।
21.स्वप्न में भविष्य जानें
इस तरह भी-अगर आप स्वप्न
में भविष्य की बात मालूम करना चाहते हैं तो जंगल में
जाकर जिस वृक्ष पर अमर बेल हो, उसकी सात
परिक्रमा कर अमर बेल्युक्त एक लकड़ी को तोड़ लाएं।
फिर उस लकड़ी को धुप देकर जला दें तथा लता को सिरहाने
रखकर विचार करते हुए सो जाएं तो स्वप्न में भविष्य
की बात मालूम हो जाती है।
पांवों को जगानेका टोटका :
बहुधा देखा गया है
कि प्राणी कहीं देर तक बैठा हो तो हाथ-पैर
सुन्न हो जाते हैं। जो अंग सुन्न हो गया हो, उस पर
उंगली से 27 का अंक लिख दीजिये, अंग
ठीक हो जाएगा।
मृत्यु की आशंका से बचने केउपाय :
काले तिल और जौ का आटा तेल में गूंथकर एक
मोटी रोटी बनाएं और उसे
अच्छी तरह सेंकें। गुड को तेल में मिश्रित करके जिस
व्यक्ति की मरने की आशंका हो, उसके सिर
पर से 7 बार उतार कर मंगलवार या शनिवार को भैंस को खिला दें।गुड के
गुलगुले सवाएं लेकर 7 बार उतार कर मंगलवार या शनिवार व इतवार
को चील-कौए को डाल दें, रोगी को तुरंत राहत
मिलेगी।महामृत्युंजय मंत्र का जप करें। द्रोव, शहद और
तिल मिश्रित कर शिवजी को अर्पित करें। 'ॐ
नमः शिवाय' षडाक्षर मंत्र का जप भी करें, लाभ होगा।
लक्ष्मी प्राप्ति के टोटके :श्रावण के महीने
में 108 बिल्व पत्रों पर चन्दन से नमः शिवाय लिखकर
इसी मंत्र का जप करते
हुएशिवजी को अर्पित करें। 31 दिन तक यह प्रयोग
करें, घर में सुख-शांति एवं सम्रद्धि आएगी, रोग, बाधा,
मुकदमा आदि में लाभ एवं व्यापार में प्रगति होगी व
नया रोजगार मिलेगा। यह एक अचूक प्रयोग है।भगवान् को भोग लगाई
हुई थाली अंतिम आदमी के भोजन करने तक
ठाकुरजी के सामने रखी रहे तो रसोई
बीच में ख़त्म नहीं होती है।
बालक की दीर्घायु के लिये :
बालक को जन्म के
नाम से मत पुकारें।पांच वर्ष तक बालक को कपडे मांगकर
ही पहनाएं।3 या 5 वर्ष तक सिर के बाल न कटाएं।
उसके जन्मदिन पर बालकों को दूध पिलाएं।बच्चे
को किसी की गोद में दे दें और यह कहकर
प्रचार करें कि यह अमुक व्यक्ति का लड़का है।घर में सुख-शांति के
लिये :मंगलवार को चना और गुड बंदरों को खिलाएं।आठ वर्ष तक के
बच्चों को मीठी गोलियां बाँटें।शनिवार
को गरीब व भिखारियों को चना और गुड दें अथवा भोजन
कराएं।मंगलवार व शनिवार को घर में सुन्दरकाण्ड का पाठ करें या कराएं।
ग्रहों के देवता :सूर्य के देवता विष्णु, चन्द्र के देवता शिव, बुध
की देवी दुर्गा, ब्रहस्पति के देवता ब्रह्मा,
शुक्र की देवी लक्ष्मी, शनि के
देवता शिव, राहु के देवता सर्प और केतु के देवता गणेश। जब
भी इन ग्रहों का प्रकोप हो तो इन देवताओं
की उपासना करनी चाहिए।
मनोकामना की पूर्ती हेतु
होली केदिन से शुरू करके प्रतिदिन हनुमान जी को पांच पुष्प
चढाएं, मनोकामना शीघ्र पूर्ण होगी।
होली की प्रातः बेलपत्र पर सफ़ेद चन्दन
की बिंदी लगाकर
अपनी मनोकामना बोलते हुए शिवलिंग पर सच्चेमन से
अर्पित करें। बाद में सोमवार को किसी मन्दिर में भोलेनाथ
को पंचमेवा की खीर अवश्य चढाएं,
मनोकामना पूरी होगी।
रोजगारप्राप्ति हेतु
होली की रात्री बारह
बजे से पूर्व एक दाग रहित बड़ा नीबू लेकर चौराहे पर
जाएं और उसकी चार फांक चारों कोनों में फेंक दें। फिर वापिस
घर जाएं किन्तु ध्यान रहे, वापिस जाते समय पीछे मुड़कर
न देखें। उपाय श्रद्धापूर्वक करें, शीघ्र
ही बुरे दिन दूर होंगे व रोजगार प्राप्त होगा।स्वास्थ्य
लाभ हेतुमृत्यु तुल्य कष्ट से ग्रस्त
रोगी को छुटकारा दिलाने के लिये जौ के आटे में तिल एवं
सरसों का तेलमिला कर मोटी रोटी बनाएं और उसे
रोगी के ऊपर से सात बार उतारकर भैंस को खिला दें। यह
क्रिया करतेसमय ईश्वर से रोगी को शीघ्र
स्वस्थ करने की प्रार्थना करते रहें।
व्यापार लाभ के
होली के दिन गुलाल के एक खुले पैकेट में एक
मोती शंख और चांदी का एक सिक्का रखकर
उसे नए लाल कपडेमें लाल मौली से बांधकर
तिजोरी में रखें, व्यवसाय में लाभ होगा।
होली के अवसर पर एक एकाक्षी नारियल
की पूजा करके लाल कपडे में लपेट कर दुकान में या व्यापार
पर स्थापित करें। साथ ही स्फटिक का शुद्ध
श्रीयंत्र रखें. उपाय निष्ठापूर्वक करें, लाभ में दिन
दूनीरात चौगुनी वृद्धि होगी।
धनहानी से बचाव के लियेहोली के दिन मुख्य
द्वार पर गुलाल छिडकें और उस पर
द्विमुखी दीपक जलाएं। दीपक
जलाते समय धनहानि से बचाव की कामना करें। जब
दीपक बुझ जाए तो उसे
होली की अग्नि में डाल दें। यह
क्रिया श्रद्धापूर्वक करें, धन हानि से बचाव होगा।
दुर्घटना से बचाव
के लियेहोलिका दहन से पूर्व पांच काली गुंजा लेकर
होली की पांच परिक्रमा लगाकर अंत में
होलिका की ओर पीठकरके पाँचों गुन्जाओं
को सिर के ऊपर से पांच बार उतारकर सिर के ऊपर से
होली में फेंक दें।होली के दिन प्रातः उठते
ही किसी ऐसे व्यक्ति से कोई वास्तु न लें,
जिससे आप द्वेष रखते हों। सिरढक कर रखें।
किसी को भी अपना पहना वस्त्र या रूमाल
नहीं दें। इसके अतिरिक्त इस दिन शत्रु
या विरोधी से पान, इलायची, लौंग आदि न लें। ये
सारे उपाय सावधानी पूर्वक करें, दुर्घटना से बचाव होगा।
आत्मरक्षा हेतुकिसी को कष्ट न पहुंचाएं,
किसी का बुरा न करें और न सोचें।
आपकी रक्षा होगी।घर के प्रत्येक सदस्य
को होलिका दहन में घी में भिगोई हुई दो लौंग, एक
बताशा और एक पान का पत्ता अवश्य चढ़ाना चाहिए।
होली की ग्यारह परिक्रमा करते हुए
होली में सूखे नारियल
की आहुति देनी चाहिए।. इससे सुख-
सम्रद्धि बढ़ती है, कष्ट दूर होते हैं।अनबन दूर करने
के लियेहोली के दिन 5-5 रत्ती के 5
मोतियों का ब्रेसलेट पहनें। इसके अतिरिक्त हर
पूर्णिमा को चांदी के पात्र में कच्चा दूध डालकर
चन्द्रमा को अर्ध्य दें, पति-
पत्नी की आपसी संबंधों में
मधुरता आयेगी।
मतभेद दूर करने के लिये
पुत्रकी पिता से न बनती हो तो अमावस्या,
चतुर्दर्शीय या ग्रहण के दिन पुत्र पिता के जूतों से पुराने
मोज़े निकाल कर उनमें नए मोज़े रख दे, दोनों के बीच चल
रहा वैमनस्य दूर हो जाएगा।आँखों के रोग से मुक्ति के लिएआँखों में
यदि काला मोतिया हो जाए तो ताम्बे के पात्र में जल लेकर उसमें ताम्बे
का सिक्का व गुड डालकर प्रतिदिन सूर्य को अर्ध्य दें। यह उपाय
शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार से शुरू कर चौदह रविवारकरें। अर्ध्य
देते समय रोग से मुक्ति की प्रार्थना करते रहें। इसके
अतिरिक्त पांच प्रकार के फल लाल कपडे में बांधकर
किसी भी मन्दिर में दें। यह उपाय
निष्ठापूर्वक करें, लाभ होगा।
नौकरी की प्राप्ति के लिए
नौकरी नमिल रही हो तो मन्दिर में बारह फल चढ़ाएं। यह उपाय
नियमित रूप से करें और इश्वर से नौकरीमिलने
की प्रार्थना करें।शीघ्र विवाह के लिएविवाह
योग्य वर या कन्या के शीघ्र विवाह के लिए घर के मन्दिर
में नवग्रह यन्त्र स्थापित करें। जिनकी नई
शादी हो, उन्हें घर बुलाएं, उनका सत्कार करें और लाल
वस्त्र भेंट करें उन्हें भोजन या जलपान कराने के पश्चात सौंफ
मिस्री जरूर दें। यह सब करते समय शीघ्र
विवाह की कामना करें। यह उपायशुक्ल पक्ष के
मंगलवार को करें, लाभ होगा।मनोकामना पूर्ती के लियेव्यापार
मंदा हो तथा पैसा टिकता न हो, तो नवग्रह यन्त्र और धन यन्त्र
घर के मन्दिर में शुभ समय में स्थापित करें। इसके अतिरिक्त सोलह
सोमवार तक पांच प्रकार की सब्जियां मन्दिर में दें और
पंचमेवा की खीर भोलेनाथ को मन्दिर में अर्पित
करें। सभी कामनाएं पूरी होंगी।
कुछ अन्य टोटकेसमाज में मान सम्मन की प्राप्ति के लिये
कबूतरों को चावल मिश्रित डालें, बाजरा शुक्रवार को खरीदें व
शनिवार से डालना शुरू करें।शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार या बुधवार
को चमकीले पीले वस्त्र में शुद्ध
कस्तूरी लपेटकर अपने धन रखने के स्थान पर रखें, घर
में सुख-समृद्धी आयेगी।यदि मार्ग में कोई
सफाई कर्मचारी सफाई करता दिखाई दे तो उसे यह
कहकर की चाय-
पानी पी लेना या कुछखा लेना, कुछ दान अवश्य
दें, परिवार में प्यार व सुख-समृद्धी बढ़ेगी।
यदि सफाई कर्मचारी महिला होतो शुभ फल अधिक मिलेगा।
किसी भी विशेष मनोरथ
की पूर्ती के लिये शुक्ल पक्ष में
जटावाला नारियल नए लाल सूती कपडे में बांधकर बहते
जल में प्रवाहित करें। यह उपाय निष्ठापूर्वक करें।शुक्ल पक्ष के
प्रथम मंगलवार से नित्य प्रातः में अर्पित करें। फूल
हनुमानजी को मन्दिर में अर्पित करें। फूल अर्पित करते
समय हनुमान जी से मनोकामना पूरी करने
की प्रार्थना करते रहें। ध्यान रहे यह उपाय करते
समय कोई आपको टोके नहीं और टोके तो आप
उसका उत्तर न दें।जन्म पत्रिका में 12वें भाव में मंगल हो और खर्च
बहुत होता हो, तो बेलपत्र पर चन्दन से 'भौमाय नमः' लिखकर
सोमवार को शिवलिंग पर चढ़ाएं, उक्त सारे कष्ट दूर हो जायेंगे।स्वस्थ
शरीर के लिए :एक रुपये का सिक्का लें। रात को उसे
सिरहाने रख कर सो जाएं। प्रातः इसे ष्मशान
की सीमा में फेंक आएं। शरीर
स्वस्थ रहेगा।ससुराल में सुखी रहने के लिए :साबुत
हल्दी की गांठें, पीतल का एक
टुकड़ा, थोड़ा सा गुड़ अगर कन्या अपने हाथ से ससुराल
की तरफ फेंक दे, तो वह ससुराल में सुरक्षापूर्वक और
सुखी रहती है।सुखी वैवाहिक
जीवन के लिए :कन्या का जब विवाह हो चुका हो और
वह विदा हो रही हो, तो एक लोटे (गड़वी)
में गंगा जल, थोड़ी सी हल्दी,
एक पीला सिक्का डाल कर, लड़की के सिर के
उपर से ७ बार वार कर उसके आगे फेंक दें। वैवाहिक
जीवन सुखी रहेगा।परेषानियां दूर करने व
कार्य सिद्धि हेतु :शनिवार को प्रातः, अपने काम पर जाने से पहले,
एक नींबू लें। उसके दो टुकड़े करें। एक टुकड़े को आगे
की तरफ फेंके, दूसरे को पीछे
की तरफ। इन्हें चौराहे पर फेंकना है। मुख
भी दक्षिण की ओर हो। नींबू
को फेंक कर घर वापिस आ जाएं, या काम पर चले जाएं। दिन भर काम
बनते रहेंगे तथा परेषानियां भी दूर होंगी।काम
या यात्रा पर जाते
हुए :कभी भी किसी काम के
लिए, या यात्रा पर जाते समय, एक नारियल लें। उसको हाथ में ले कर,
११ बार श्री हनुमते नमः कह कर,
धरती पर मार कर तोड़ दें। उसके जल को अपने ऊपर
छिड़क लें और गरी को निकाल कर बांट दें तथा खुद
भी खाएं, तो यात्रा सफल रहेगी तथा काम
भी बन जाएगा।काम के लिए : अगर
आपको किसी विशेष काम से जाना है, तो नीले
रंग का धागा ले कर घर से निकलें। घर से
जो तीसरा खंभा पड़े, उस पर, अपना काम कह कर,
नीले रंग का धागा बांध दें। काम होने
की संभावनाएंबढ़ जाएंगी।काम के
लिएहल्दी की ७ साबुत गांठें, ७ गुड़
की डलियां, एक रुपये
का सिक्का किसी पीले कपड़े में बांध कर, रेलवे
लाइन के पार फेंक दें। फेंकते समय कहें काम दे, तो काम होने
की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।धन के लिए :एक
हंडियां में सवा किलो हरी साबुत मूंग दाल
या मूंगी, दूसरी में सवा किलो डलिया वाला नमक
भर दें। यह दो हंडियां घर में कहीं रख दें। यह
क्रिया बुधवार को करें। घर में धन आना शुरू हो जाएगा।
मिर्गी के रोग को दूर करने के लिए :अगर गधे के दाहिने
पैर का नाखून अंगूठी में धारण करें,
तो मिर्गी की बीमारी दूर
हो जाती है।भूत-प्रेत और जादू-टोना से बचने के
लिए :मोर पंख को अगर ताबीज में भर के बच्चे के गले में
डाल दें, तो उसे भूत-प्रेत और जादू-टोने
की पीड़ा नहीं रहती।
परीक्षा में सफलता हेतु :
परीक्षा मेंसफलता हेतु गणेश रुद्राक्ष धारण करें। बुधवार को गणेश
जी के मंदिर में जाकर दर्शन करें और मूंग के लड्डुओं
का भोग लगाकर सफलता की प्रार्थना करें।पदोन्नति हेतु :
शुक्ल पक्ष के सोमवार को सिद्ध योग में तीन
गोमती चक्र चांदी के तार में एक साथ बांधें और
उन्हें हर समय अपने साथ रखें, पदोन्नति के साथ-साथ व्यवसाय में
भी लाभ होगा।
मुकदमे में विजय हेतु :
पांचगोमती चक्र जेब में रखकर कोर्ट में जाया करें, मुकदमे में
निर्णय आपके पक्ष में होगा।पढ़ाई में एकाग्रता हेतु : शुक्ल पक्ष
के पहले रविवार को इमली के २२ पत्ते ले आएं और
उनमें से ११पत्ते सूर्य देव को ¬ सूर्याय नमः कहते हुए अर्पित
करें। शेष ११ पत्तों को अपनी किताबों में रख लें, पढ़ाई में
रुचि बढ़ेगी।कार्य में सफलता के लिए : अमावस्या के दिन
पीले कपड़े का त्रिकोना झंडा बना कर विष्णु भगवान के
मंदिर के ऊपर लगवा दें, कार्य सिद्ध होगा।
व्यवसाय बाधा सेमुक्ति हेतु :
यदि कारोबार मेंहानि हो रही हो अथवा ग्राहकों का आना कम
हो गया हो, तो समझें कि किसी ने आपके कारोबार को बांध
दिया है। इस बाधा से मुक्ति के लिए दुकान या कारखाने के पूजन स्थल
में शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को अमृत सिद्ध या सिद्ध योग में
श्री धनदा यंत्र स्थापित करें। फिर नियमित रूप से केवल
धूप देकर उनके दर्शन करें, कारोबार में लाभ होने लगेगा।गृह कलह
से मुक्ति हेतु : परिवार में पैसे की वजह से कलह
रहता हो, तो दक्षिणावर्ती शंख में पांच कौड़ियां रखकर
उसे चावल से
भरी चांदी की कटोरी पर
घर में स्थापित करें। यह प्रयोग शुक्ल पक्ष के प्रथम शुक्रवार
को या दीपावली के अवसर पर करें, लाभ
अवश्य होगा।
क्रोध पर नियंत्रण हेतु :
यदि घर केकिसी व्यक्ति को बात-बात पर गुस्सा आता हो,
तो दक्षिणावर्तीशंख को साफ कर उसमें जल भरकर उसे
पिला दें। यदि परिवार में पुरुष सदस्यों के कारण आपस में तनाव
रहता हो, तो पूर्णिमा के दिन कदंब वृक्ष की सात अखंड
पत्तों वाली डाली लाकर घर में रखें।
अगली पूर्णिमा को पुरानी डाली कदंब
वृक्ष के पास छोड़ आएं और नई डाली लाकर रखें। यह
क्रिया इसी तरह करते रहें, तनाव कम होगा।
मकानखाली कराने हेतु :
शनिवार की शाम
को भोजपत्र पर लाल चंदन से किरायेदार का नाम लिखकर शहद
मेंडुबो दें। संभव हो, तो यह
क्रिया शनिश्चरी अमावस्या को करें। कुछ
ही दिनों में किरायेदार घर खालीकर देगा। ध्यान
रहे, यह क्रिया करते समय कोई टोके नहीं।
बिक्री बढ़ाने हेतु : ग्यारह गोमती चक्र और
तीन लघु नारियलों की यथाविधि पूजा कर उन्हें
पीले वस्त्र में बांधकर बुधवार या शुक्रवार को अपने
दरवाजे पर लटकाएं तथा हर पूर्णिमा को धूप दीप जलाएं।
यह क्रिया निष्ठापूर्वक नियमित रूप से करें,
ग्राहकों की संख्या में वृद्धि होगी और
बिक्री बढ़ेगी।
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