Tuesday, July 29, 2014

मंत्र लिख देने से बच्चा विद्वान होता है।

उपाय :-
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बच्चे के गर्भ से निकलने के बाद
उसकी जीभ पर
चांदी की शलाका मधु में डुबाकर उससे
‘ऐं’ मंत्र लिख देने से बच्चा विद्वान होता है। अगर जन्म के
समय ऐसा संभव नहीं हो, तो प्रत्येक बुधवार
या पंचमी को यह क्रिया करें।
बच्चे को पढ़ते समय पूर्वाभिमुख होकर बैठना चाहिए और टेबल
पर आगे में एजुकेशन टॉवर तथा छोटा ग्लोब रखना चाहिए।
वृष या कुंभ लग्न के जातक को सोने
की अंगूठी में सवा 6 या सवा 7
रत्ती का पन्ना बुधवार को कनिष्ठिका में धारण
करना चाहिए।
उच्च शिक्षा के लिए मेष लग्न के जातक माणिक्य, मिथुन के
हीरा, कर्क के मूंगा, सिंह के पुखराज, कन्या के
नीलम, तुला के नीलम, वृश्चिक के
पुखराज, धनु के मूंगा, मकर के हीरा और
मीन के जातक मोती धारण कर सकते
हैं।
बच्चे को परीक्षा में मनोनुकूल फल
नहीं मिलता हो या वह असफल रहता हो,
तो किसी भी माह के शुक्ल पक्ष
की पंचमी से अगले कृष्ण पक्ष
की पंचमी तक गणेश
जी को ‘ॐ गं गणेशाय नमः’ पढ़ते हुए
108 बार बारी-बारी से दुर्वा चढ़ाएं।
परीक्षा के दिन
यही दुर्वा अपनी दाहिनी तरफ
लेकर जाएं, सफलता मिलेगी।
विद्यार्थी को प्रातःकाल गणपति जी के
श्लोक का पाठ कर गणेश जी का ध्यान करके
अध्ययन करना चाहिए।
शुक्लाम्बरं धरंदेव शशिवर्णं चतुर्भुजम। प्रसन्नवदनं ध्यायेत
सर्वाविघ्नोपशान्तये॥ सुमुखश्चैक दन्तश्च कपिलो गजकर्णकः।
लंबोदरश्च विकटो विघ्न नाशो विनायकः॥ धूम्र केतुर्गणाध्यक्षो भाल
चंद्रो गजाननः। द्वादशैतानि नामानियः य. पठेच्छ् श्रुणयादपि॥
गणेश चतुर्थी को गणेश
जी की पूजा करके ‘ॐ गं
गणेशाय नमः’ या ‘ॐ गं गणपतये नमः’ मंत्र का 108 बार
जप करें।
वसंत पंचमी के दिन
सरस्वती जी की पूजा करने
के बाद स्फटिक माला पर ‘ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः’ मंत्र
का 1008 बार जप करें।
किसी भी माह के प्रथम शुक्रवार
को हरे हकीक पर ‘ॐ ऐं ऐं ॐ’
मंत्र 51 बार पढ़ कर हरे वस्त्र में लपेटकर मजार पर चढ़ा देने
से शिक्षा में आने वाली बाधा दूर
हो जाती है।
गुरुवार को धर्म स्थान में धार्मिक पुस्तक दान करें।
घर में सरस्वती यंत्र प्राण-प्रतिष्ठित करके स्थापित
करने से शिक्षा सुचारू रूप से चलती है।

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