Sunday, April 20, 2014

कर्ज-मुक्ति

कर्ज-मुक्ति
जिन व्यक्तियों को निरन्तर कर्ज घेरे रहते हैं, उन्हें प्रतिदिन
“ऋणमोचक मंगल स्तोत्र´´ का पाठ करना चाहिये। यह पाठ
शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार से शुरू करना चाहिये।
यदि प्रतिदिन किसी कारण न कर सकें, तो प्रत्येक
मंगलवार को अवश्य करना चाहिये।
सोमवार के दिन एक रूमाल, 5 गुलाब के फूल, 1
चांदी का पत्ता, थोड़े से चावल तथा थोड़ा सा गुड़ लें।
फिर किसी विष्णुण्लक्ष्मी
जी के मिन्दर में जा कर मूर्त्ति के सामने रूमाल रख
कर शेष वस्तुओं को हाथ में लेकर 21 बार
गायत्री मंत्र का पाठ करते हुए बारी-
बारी इन वस्तुओं को उसमें डालते रहें। फिर
इनको इकट्ठा कर के कहें
की `मेरी परेशानियां दूर हो जाएं
तथा मेरा कर्जा उतर जाए´। यह क्रिया आगामी 7
सोमवार और करें। कर्जा जल्दी उतर
जाएगा तथा परेशानियां भी दूर हो जाएंगी।
सर्वप्रथम 5 लाल गुलाब के पूर्ण खिले हुए फूल लें। इसके
पश्चात् डेढ़ मीटर सफेद कपड़ा ले कर अपने सामने
बिछा लें। इन पांचों गुलाब के फुलों को उसमें,
गायत्री मंत्र 21 बार पढ़ते हुए बांध दें। अब स्वयं
जा कर इन्हें जल में प्रवाहित कर दें। भगवान ने
चाहा तो जल्दी ही कर्ज से
मुक्ति प्राप्त होगी।
कर्ज-मुक्ति के लिये “गजेन्द्र-मोक्ष´´ स्तोत्र का प्रतिदिन
सूर्योदय से पूर्व पाठ अमोघ उपाय है।
घर में स्थायी सुख-समृद्धि हेतु पीपल
के वृक्ष की छाया में खड़े रह कर लोहे के बर्तन
में जल, चीनी, घी तथा दूध
मिला कर पीपल के वृक्ष की जड़ में
डालने से घर में लम्बे समय तक सुख-
समृद्धि रहती है और लक्ष्मी का वास
होता है।

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