: धन बचाना है तो अपनाएं यह आदतें
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धन कमाने की इच्छा हर मन में होती है।
लेकिन मनचाहा पैसा कमाने के बाद भी अगर
पैसा टिकता नहीं है तो हमें
अपनी दिनचर्या पर ध्यान देना चाहिए। छोटी-
छोटी बातें हमारे संस्कार के रूप में
भी आदतों में शामिल होनी चाहिए। यह उपाय
टोटके नहीं है बल्कि बुजुर्गों के अनुभवों से प्राप्त
उपयोगी संकलन है।
अगर पर्याप्त पैसा कमाने के बाद भी धन संचय
नहीं हो रहा हो, तो काले कुत्ते को प्रत्येक शनिवार
को कड़वे तेल (सरसों के तेल) से
चुपड़ी रोटी खिलाएं।
क्या ना करें -
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शाम के समय सोना, पढ़ना और भोजन करना निषिद्ध है। सोने से पूर्व
पैरों को ठंडे पानी से धोना चाहिए, किन्तु गीले
पैर नहीं सोना चाहिए। इससे धन का नाश होता है।
रात में चावल, दही और सत्तू का सेवन करने से
लक्ष्मी का निरादर होता है। अत: समृद्धि चाहने
वालों को तथा जिन व्यक्तियों को आर्थिक कष्ट रहते हों, उन्हें
इनका सेवन रात के भोजन में नहीं करना चाहिए।
भोजन सदैव पूर्व या उत्तर की ओर मुख कर के
करना चाहिए। संभव हो तो रसोईघर में ही बैठकर भोजन
करें इससे राहु शांत होता है। जूते पहने हुए
कभी भोजन नहीं करना चाहिए।
सुबह कुल्ला किए बिना पानी या चाय न पीएं।
जूठे हाथों से या पैरों से कभी गौ, ब्राह्मण
तथा अग्नि का स्पर्श न करें।
घर में देवी-देवताओं पर चढ़ाए गए फूल या हार के सूख
जाने पर भी उन्हें घर में
रखना अलाभकारी होता है।
अपने घर में पवित्र नदियों का जल संग्रह कर के रखना चाहिए। इसे
घर के ईशान कोण में रखने से अधिक लाभ होता है।
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धन कमाने की इच्छा हर मन में होती है।
लेकिन मनचाहा पैसा कमाने के बाद भी अगर
पैसा टिकता नहीं है तो हमें
अपनी दिनचर्या पर ध्यान देना चाहिए। छोटी-
छोटी बातें हमारे संस्कार के रूप में
भी आदतों में शामिल होनी चाहिए। यह उपाय
टोटके नहीं है बल्कि बुजुर्गों के अनुभवों से प्राप्त
उपयोगी संकलन है।
अगर पर्याप्त पैसा कमाने के बाद भी धन संचय
नहीं हो रहा हो, तो काले कुत्ते को प्रत्येक शनिवार
को कड़वे तेल (सरसों के तेल) से
चुपड़ी रोटी खिलाएं।
क्या ना करें -
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शाम के समय सोना, पढ़ना और भोजन करना निषिद्ध है। सोने से पूर्व
पैरों को ठंडे पानी से धोना चाहिए, किन्तु गीले
पैर नहीं सोना चाहिए। इससे धन का नाश होता है।
रात में चावल, दही और सत्तू का सेवन करने से
लक्ष्मी का निरादर होता है। अत: समृद्धि चाहने
वालों को तथा जिन व्यक्तियों को आर्थिक कष्ट रहते हों, उन्हें
इनका सेवन रात के भोजन में नहीं करना चाहिए।
भोजन सदैव पूर्व या उत्तर की ओर मुख कर के
करना चाहिए। संभव हो तो रसोईघर में ही बैठकर भोजन
करें इससे राहु शांत होता है। जूते पहने हुए
कभी भोजन नहीं करना चाहिए।
सुबह कुल्ला किए बिना पानी या चाय न पीएं।
जूठे हाथों से या पैरों से कभी गौ, ब्राह्मण
तथा अग्नि का स्पर्श न करें।
घर में देवी-देवताओं पर चढ़ाए गए फूल या हार के सूख
जाने पर भी उन्हें घर में
रखना अलाभकारी होता है।
अपने घर में पवित्र नदियों का जल संग्रह कर के रखना चाहिए। इसे
घर के ईशान कोण में रखने से अधिक लाभ होता है।
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