श्वेतार्क (सफेद -ऑक)
कामना पूर्ति : रवि-पुष्य योग मे
लायी गयी जड़
तथा उसकी तुरंत पूजा से घर में धन एवं सौभाग्य
की वृद्धि, राज्य एवं
अधिकारी आदि की अनुकूलता, कार्य में
सफलता, मान-सम्मान, उन्नति आदि मिलती है। इस
पूजा से रोगों का नाश, शत्रु की हार, मानसिक कष्ट,
बाधाओं तथा शोक आदि का शमन होता है। विरोधियों को पराजय,
सभा-समाज में मान-सम्मान एवं वाणी में
ओजस्वी प्रभाव उत्पन्न होता है।
गृह रक्षा : अपने घर में रवि-पुष्य योग में एक श्वेतार्क
का पौधा ऐसे स्थान पर लगायें कि घर के मुखय द्वार से पौधा दिखाई
दे। यह पौधा घर को आधि-व्याधि, नजर-टोना, मंत्र-तंत्र
तथा भूत-प्रेत, दुष्ट ग्रहों के दुष्प्रभाव से बचायेगा।
इसकी रोज पूजा भी की जाय
तो अधिक लाभ मिलता है।
शरीर-रक्षा : श्वेतार्क मूल
का टुकड़ा ताबीज में भरकर भुजा या गले में धारण करने
से शरीर सुरक्षित रहता है, आपदाओं, भूत-प्रेत,
नजर-टोटका आदि का कोई प्रभाव, नहीं होता है।
कामना पूर्ति : रवि-पुष्य योग मे
लायी गयी जड़
तथा उसकी तुरंत पूजा से घर में धन एवं सौभाग्य
की वृद्धि, राज्य एवं
अधिकारी आदि की अनुकूलता, कार्य में
सफलता, मान-सम्मान, उन्नति आदि मिलती है। इस
पूजा से रोगों का नाश, शत्रु की हार, मानसिक कष्ट,
बाधाओं तथा शोक आदि का शमन होता है। विरोधियों को पराजय,
सभा-समाज में मान-सम्मान एवं वाणी में
ओजस्वी प्रभाव उत्पन्न होता है।
गृह रक्षा : अपने घर में रवि-पुष्य योग में एक श्वेतार्क
का पौधा ऐसे स्थान पर लगायें कि घर के मुखय द्वार से पौधा दिखाई
दे। यह पौधा घर को आधि-व्याधि, नजर-टोना, मंत्र-तंत्र
तथा भूत-प्रेत, दुष्ट ग्रहों के दुष्प्रभाव से बचायेगा।
इसकी रोज पूजा भी की जाय
तो अधिक लाभ मिलता है।
शरीर-रक्षा : श्वेतार्क मूल
का टुकड़ा ताबीज में भरकर भुजा या गले में धारण करने
से शरीर सुरक्षित रहता है, आपदाओं, भूत-प्रेत,
नजर-टोटका आदि का कोई प्रभाव, नहीं होता है।
No comments:
Post a Comment