क्या आप धन प्राप्ति के उपाय करके परेशान हो चुके हैं? धन
आगमन नहीं हो पा रहा है? धन आता तो है
मगर खर्च हो जाता है? धन का संचय
नहीं हो पा रहा है? तो कुछ पलों के लिए अपने
घर को निहारिए अवश्य ही कोई न कोई वास्तु दोष
होगा जो लक्ष्मी को आपके घर या प्रतिष्ठान में आने
से रोक रहा है?
वास्तु शास्त्रीयों के अनुसार अगर घर परिवार में
लक्ष्मी का आगमन करवाना हो तो घर
की सभी दिशाओं का उचित ताल-मेल
रखना जरुरी है। घर में नकारात्मक उर्जा का नाश
होने के साथ ही धनवर्षा होने
लगती है। वास्तु सम्मत घर का वातावरण पवित्र
होगा और नकारात्मकता नष्ट होगी। पवित्र वातावरण
से ही घर में सुख-समृद्धि और धन का वास
होता है। संसार में विरले ही लोग होंगे जो धनवान
बनने की चाह न रखते होंगे। धन और आय के
आधार पर ही मनुष्य को सुख, आनंद, सुविधा और
सामाजिक सुरक्षा प्राप्त होती है।
उत्तर दिशा धन रखने के लिए उत्तर दिशा को सबसे शुभ
माना जाता है क्योंकि उत्तर के देव धन के
स्वामी कुबेर जी हैं। घर
की इस दिशा में कैश व आभूषण जिस
अलमारी में रखते हैं वह
अलमारी भवन की उत्तर दिशा के कमरे
में दक्षिण की दिवार से लगाकर
रखनी चाहिए। इस प्रकार रखने से
अलमारी उत्तर दिशा की ओर
खुलेगी। उसमें रखे पैसों व आभूषणों में
हमेशा वृद्धि होती रहेगी।
ईशान कोण यहां पैसा धन और आभूषण रखे जाएं तो यह
दर्शाता है कि घर का मुखिया बुद्धिमान है और यदि यह उत्तर
ईशान में रखें हो तो घर की एक कन्या संतान और
यदि पूर्व ईशान में रखें हो तो एक पुत्र संतान बहुत बुद्धिमान
और प्रसिद्ध होती है। पूर्व दिशा यहां घर
की सम्पति और तिजौरी रखना बहुत
शुभ होता है और उसमें
बढ़ोतरी होती रहती है।
आग्नेय कोण यहां धन रखने से धन घटता है क्योंकि घर के
मुखिया की आमदनी घर के खर्चे से कम
होने के कारण कर्ज
की स्थिति बनी रहती है।
दक्षिण दिशा इस दिशा में धन, सोना चांदि और आभूषण रखने से
नुकसान तो नहीं होता परंतु
बढौतरी भी विशेष
नहीं होती। नैऋत्य कोण यहां धन
और मंहगा समान और आभूषण रखें जाए तो वह टिकते जरूर
है। किंतु एक बात अवश्य रहती है कि यह धन
और सामान गलत ढग से कमाया हुआ होता है।
पश्चिम दिशा यहां धन संपति और आभूषण रखें जाएं तो साधारण
ही शुभता का लाभ मिलता है परंतु घर
का मुखिया अपने स्त्री पुरूष मित्रों के सहयोग होने
के बाद भी बड़ी कठिनाई के साथ धन
कमा पाता है। उसके जीवन में लाभ हानि दोनों प्रसंग
धीरे-धीरे आते हैं। वायव्य कोण
यहां धन रखा हो तो खर्च
जितनी आमदनी जुटा पाना मुश्किल
हो जाता है। ऐसे व्यक्ति का बजट हमेशा डगमगाया रहता है
और कर्जदारों से सताया रहता है।
आगमन नहीं हो पा रहा है? धन आता तो है
मगर खर्च हो जाता है? धन का संचय
नहीं हो पा रहा है? तो कुछ पलों के लिए अपने
घर को निहारिए अवश्य ही कोई न कोई वास्तु दोष
होगा जो लक्ष्मी को आपके घर या प्रतिष्ठान में आने
से रोक रहा है?
वास्तु शास्त्रीयों के अनुसार अगर घर परिवार में
लक्ष्मी का आगमन करवाना हो तो घर
की सभी दिशाओं का उचित ताल-मेल
रखना जरुरी है। घर में नकारात्मक उर्जा का नाश
होने के साथ ही धनवर्षा होने
लगती है। वास्तु सम्मत घर का वातावरण पवित्र
होगा और नकारात्मकता नष्ट होगी। पवित्र वातावरण
से ही घर में सुख-समृद्धि और धन का वास
होता है। संसार में विरले ही लोग होंगे जो धनवान
बनने की चाह न रखते होंगे। धन और आय के
आधार पर ही मनुष्य को सुख, आनंद, सुविधा और
सामाजिक सुरक्षा प्राप्त होती है।
उत्तर दिशा धन रखने के लिए उत्तर दिशा को सबसे शुभ
माना जाता है क्योंकि उत्तर के देव धन के
स्वामी कुबेर जी हैं। घर
की इस दिशा में कैश व आभूषण जिस
अलमारी में रखते हैं वह
अलमारी भवन की उत्तर दिशा के कमरे
में दक्षिण की दिवार से लगाकर
रखनी चाहिए। इस प्रकार रखने से
अलमारी उत्तर दिशा की ओर
खुलेगी। उसमें रखे पैसों व आभूषणों में
हमेशा वृद्धि होती रहेगी।
ईशान कोण यहां पैसा धन और आभूषण रखे जाएं तो यह
दर्शाता है कि घर का मुखिया बुद्धिमान है और यदि यह उत्तर
ईशान में रखें हो तो घर की एक कन्या संतान और
यदि पूर्व ईशान में रखें हो तो एक पुत्र संतान बहुत बुद्धिमान
और प्रसिद्ध होती है। पूर्व दिशा यहां घर
की सम्पति और तिजौरी रखना बहुत
शुभ होता है और उसमें
बढ़ोतरी होती रहती है।
आग्नेय कोण यहां धन रखने से धन घटता है क्योंकि घर के
मुखिया की आमदनी घर के खर्चे से कम
होने के कारण कर्ज
की स्थिति बनी रहती है।
दक्षिण दिशा इस दिशा में धन, सोना चांदि और आभूषण रखने से
नुकसान तो नहीं होता परंतु
बढौतरी भी विशेष
नहीं होती। नैऋत्य कोण यहां धन
और मंहगा समान और आभूषण रखें जाए तो वह टिकते जरूर
है। किंतु एक बात अवश्य रहती है कि यह धन
और सामान गलत ढग से कमाया हुआ होता है।
पश्चिम दिशा यहां धन संपति और आभूषण रखें जाएं तो साधारण
ही शुभता का लाभ मिलता है परंतु घर
का मुखिया अपने स्त्री पुरूष मित्रों के सहयोग होने
के बाद भी बड़ी कठिनाई के साथ धन
कमा पाता है। उसके जीवन में लाभ हानि दोनों प्रसंग
धीरे-धीरे आते हैं। वायव्य कोण
यहां धन रखा हो तो खर्च
जितनी आमदनी जुटा पाना मुश्किल
हो जाता है। ऐसे व्यक्ति का बजट हमेशा डगमगाया रहता है
और कर्जदारों से सताया रहता है।
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